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युवा पीढ़ी स्वास्थ्य के प्रति सजग बनेंःश्रीनिवासन

युवा पीढ़ी स्वास्थ्य के प्रति सजग बनेंःश्रीनिवासन

नयी दिल्ली, 02 अक्टूबर (वार्ता) एम्स जोधपुर के कम्युनिटी एंड फैमिली मेडिसिन में प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत श्रीनिवासन ने कहा कि युवा पीढ़ी को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना जरूरी है और समय-समय पर जांच कराना भी आवश्यक है, क्योंकि आज के युवाओं में तनाव का स्तर सबसे अधिक है।

डॉ श्रीनिवासन ने नयी दिल्ली में कंज्यूमर वॉयस द्वारा आयोजित सप्ताहांत कार्यक्रम 'जोखिम कारकों को खत्म करके हृदय स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना' में यह बात कही। उन्होंने कहा, “धूम्रपान, शराब का सेवन और मोटापा जैसे अन्य जोखिम कारक उच्च रक्तचाप विकसित करने के जिम्मेदार हैं। इसलिए, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए रक्तचाप की नियमित निगरानी और स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।” उन्होंने सत्र में उपस्थित विद्यार्थियों के बीच स्वस्थ आहार के महत्व पर बल दिया।



इस अवसर पर एम्स गोरखपुर के सामुदायिक और परिवार चिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. यू वेंकटेश और एम्स जोधपुर के सामुदायिक और परिवार चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत श्रीनिवासन, जाने-माने पोषण विज्ञान विशेषज्ञ और लेखिका कविता देवगन सहित विद्यार्थी और अन्य लोग शामिल हुए। वर्ष 2025 तक उच्च रक्तचाप या मधुमेह से पीड़ित करीब 7.5 करोड़ लोगों की जांच करने और उन्हें मानक देखभाल पर रखने की स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट की जानकारी देते हुए, स्वास्थ्य संबंधी विशेषज्ञों ने कहा कि देश में उच्च रक्तचाप की बढ़ती घटनाओं को नियंत्रित करने के कदमों में तेजी लाने के लिए बहु-क्षेत्रीय प्रयासों की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की रिपोर्ट के अनुसार, 24 प्रतिशत पुरुष और 21 प्रतिशत से अधिक महिलाएं उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। उच्च रक्तचाप दुनिया भर में युवाओं की असामयिक मृत्यु का प्रमुख कारण है। भारत में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) में तेजी से वृद्धि के साथ, सभी मौतों में से लगभग 63 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हृदयगति रुकना है।

एम्स गोरखपुर के डॉ. यू वेंकटेश ने कहा, “अगर उच्च रक्तचाप वाले रोगियों को समय पर हस्तक्षेप किया जाता है और दवाओं की निरंतर आपूर्ति की जाती है, तो उनका रक्तचाप नियंत्रित हो सकती है और प्रतिकूल प्रभावों को टाला जा सकता है। उच्च रक्तचाप के जोखिम वाले लोगों के लिए नियमित जांच और अनुवर्ती कार्रवाई से लोगों को उच्च रक्तचाप का बेहतर प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है।”

नेचर पोर्टफोलियो में हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार,अधिक मात्रा में नमक खाने से उच्च रक्त चाप हो सकता है जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। विशेषज्ञों ने लोगों से स्वास्थ्य संबंधी समस्य़ाओं को लेकर सजग रहने और लापरवाही न बरतने की अपील की

श्रद्धा. अभय

वार्ता

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