पटना 09 दिसंबर (वार्ता) बिहार के कला संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री शिवचंद्र राम ने आज कहा कि फिल्में हमारी समाज, सोच, सभ्यता और संस्कृति को दर्शाती है और इसी को देखते हुये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने सात निश्चय के साथ - साथ राज्य में फिल्मों के विकास को महत्व दिया है। बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम और कला संस्कृति विभाग, बिहार के संयुक्त तत्वावधान आयोजित आठ दिवसीय पटना फिल्म महोत्सव 2016 का आज दीप प्रज्जवलन के साथ रीजेंट सिनेमा में शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर शिवचंद्र राम ने कहा कि नीतीश सरकार राज्य में फिल्मों के विकास के लिये कृतसंकल्पित है और इसी को देखते हुये राजगीर में फिल्म सिटी के लिए 20 एकड़ भूमि ली गयी है। बिहार की मिट्टी हमेशा से सोना उगलती आई है, लेकिन कुछ लोगों ने राजनीतिक कारणों से बिहार की छवि को पर सवाल उठाए गये। मंत्री ने कहा कि बिहार में फिल्मों के विकास के लिए जल्दी ही भारत की सबसे उन्नत फिल्म नीति सामने आएगी, जिसके तहत हम बाहर से आने वाले फिल्म मेकरों को सम्मान और सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे। राज्य की फिल्म नीति अब अंतिम दौर में है। जल्द ही राज्य की अपनी फिल्म नीति होगी। राज्य सरकार देश की अन्य राज्यों की फिल्म नीतियों की समीक्षा कर एक उन्नत फिल्म नीति बिहार के लिए बना रही है। फिल्म नीति बनने के बाद बिहार में फिल्म निर्माताओं और कलाकरों को समुचित व्यवस्था उपल्ब्ध करायी जायेगी ।
बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के प्रबंध निदेशक गंगा कुमार ने महोत्सव की जानकारी देते हुए बताया कि महोत्सव की थीम 'हमारा बिहार, जय बिहार' है। महोत्सव में दो तरह की फिल्मों का चयन किया गया, जिसमें एक है प्रतिस्पर्धात्मक और दूसरी कलात्मक। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय फिल्म महोत्सव की कामयाबी के बाद सिने प्रेमियों के लिये पटना फिल्म महोत्सव का आयोजन हो रहा है। उन्होंने आशा जताई कि सिने प्रेमियों ने जिस तरह क्षेत्रीय महोत्सव को अपना प्यार दियाहै उसी तरह का प्यार इस महोत्सव को भी मिलेगा। भोजपुरी फिल्मों के महानायक कुणाल सिंह ने कहा, “ हिंदुस्तान के सिनेमा से भोजपुरी को अलग नहीं किया जा सकता है । ब्लैक एंड व्हाइट के जमाने में भी हिंदी फिल्मों में भोजपुरी शब्द का इस्तेमाल होता रहा है । मौजूदा दौर के भी हिट गानों में भोजपुरी शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है । ” वहीं फिल्म महोत्सव में शिरकत करने आये बॉलीवुड के जाने माने निर्देशक इम्तियाज अली ने कहा , “ आप जिस क्षेत्र से आते हैं, वहां यदि आपके क्षेत्र की गतिविधियां होती है और लोगों को समर्थन मिलता है, तब उसे देखकर काफी खुशी मिलती है। बदलते दौर में अब फिल्म निर्माण के लिए अब वो हर चीज बिहार में भी उपलब्ध है जो पहले नहीं होती थी। वैसे भी बिहार में प्रतिभाओं का पर्वत है, बस विश्वास के साथ उसे एक नये आयाम तक ले जाना होगा। महोत्सव में करीब 100 फिल्में दिखायी जायेंगी जिनमें हिंदी ,भोजपुरी , मगही ,मैथिली ,लघु और वृतचित्र फिल्में भी शामिल है । महोत्सव में दिखायी जाने वाली प्रमुख हिंदी फिल्मों में सुल्तान ,बाजीराव-मस्तानी ,एयरलिफ्ट ,शिप ऑफ थेसिस , ओ माई गॉड , मसान शामिल हैं । महोत्सव में मराठी में बनी ब्लॉकबस्टर फिल्म सैराट भी दिखायी जायेंगी।