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हस्तशिल्प उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान देगा ‘हिम-क्राफ्ट‘: सुक्खू

हस्तशिल्प उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान देगा ‘हिम-क्राफ्ट‘: सुक्खू

शिमला,06 मई (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार राज्य के हस्तशिल्प तथा हथकरघा उत्पादों को एक नए ब्रांड के रूप में वैश्विक बाजार में पहचान दिलाने तथा ‘हिम-क्राफ्ट’ को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए विपणन रणनीति विकसित करने पर विचार कर रही है जिससे राज्य तथा यहां के कारीगरों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।

श्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार हरकरथा उत्पादों को नई पहचान प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठा रही है, जिसके तहत इन उत्पादों को अब ‘हिम-क्राफ्ट’ के ब्रांड नाम से जाना जाएगा। इस पहल से जहां कारीगरों को उनके हुनर के अनुसार उचित दाम मिलेंगे, वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी सम्बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक बाजार में ब्रांडिंग तथा विपणन बेहद आवश्यक हैं। इसी के दृष्टिगत प्रदेश के कारीगरों तथा बुनकरों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ‘हिम-क्राफ्ट’ ब्रांड सहायक सिद्ध होगा। इन उत्पादों को एक ब्रांड के बतौर सृजित करने से जहां लोगों का इन पर विश्वास और बढ़ेगा, वहीं उत्पादों के प्रति उपभोक्ताओं की मांग भी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ब्रांड नाम हथकरघा तथा हस्तशिल्प उत्पादों को एकीकृत रूप से बाजार में प्रस्तुत एवं स्थापित करने में भी मदद करेगा। इसके प्रचार के लिए भी व्यापक रणनीति बनाई गई है और व्यावसायिक कार्ड, लेटरहेड ई-मेल हस्ताक्षर तथा आधिकारिक वेबसाइट सहित सभी आधिकारिक दस्तावेजों में यह ब्रांड प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि घरेलू तथा वैश्विक बाजार में प्रदेश के कारीगरों द्वारा तैयार हस्तशिल्प तथा हथकरघा उत्पादों की बहुत मांग है। ‘हिम-क्राफ्ट’ द्वारा जी-20 सम्मेलन के प्रतिनिधियों को उपहार स्वरूप प्रदान करने के लिए तैयार किए गए उत्पादों की खूब सराहना की गई। हाल ही में जनता के लिए खोले गए मशोबरा स्थित ‘प्रेजीडेंट रिट्रीट’ में भी प्रदेश के ऐसे उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं।

श्री सुक्खू के अनुसार हस्तशिल्प और हथकरघा हिमाचली संस्कृति का एक अभिन्न अंग हैं और इसमें प्रदेश के समृद्ध इतिहास की झलक दिखाई देती है। राज्य में बुनाई, कढ़ाई, लकड़ी पर नक्काशी, धातु के कार्य, मिट्टी के बर्तन आदि की समृद्ध परम्परा रही है और यह पारम्परिक हस्तशिल्प पीढ़ियों से चले आ रहे हैं। इनमें आधुनिक तकनीकों और डिजाइनों को शामिल कर हस्तशिल्पों का समय के साथ सतत विकास हुआ है। राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर इनके प्रचार और बाजार सहभागिता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में बेहतर विपणन रणनीति और ब्रांड नाम उपयोगी हो सकता है।

उन्होंने कहा कि नए ब्रांड नाम की एक वेबसाइट होगी जिसके माध्यम से उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया में उपस्थिति बढ़ाने सहित विज्ञापन अभियान संचालित किए जाएंगे। इन सभी उपायों के माध्यम से राज्य के कारीगरों के जीवनस्तर को उन्नत बनाने में मदद मिलेगी।

सं.रमेश.श्रवण

वार्ता

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