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‘हमारा शौचालय: हमारा सम्मान’ अभियान शुरू, सफाई को लेकर व्यवहार में स्थायी बदलाव पर बल

‘हमारा शौचालय: हमारा सम्मान’ अभियान शुरू, सफाई को लेकर  व्यवहार में स्थायी बदलाव पर बल

नयी दिल्ली, 19 नवंबर (वार्ता) केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने मंगलवार को विश्व शौचालय दिवस पर पूरे देश में ‘हमारा शौचालय: हमारा सम्मान’ (एचएसएचएस) राष्ट्रव्यापी अभियान शुरु किया जो 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस पर सम्पन्न होगा।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) के सचिव, अशोक केके मीना ने इस अवसर पर कहा कि लोगों के व्यवहार में ठोस परिवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए इसे समाज के निम्न से उच्च वर्ग के स्तर की ओर बढ़ाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, “स्वच्छता सम्मान और विकास की आधारशिला है।

श्री मीना ने कहा कि 'हमारा शौचालय: हमारा सम्मान' अभियान समुदायों को सशक्त बनाने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें ग्राम पंचायत, प्रखंड, जिले और राज्य सहित हर स्तर पर उत्तरदायित्व दिये गये हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक हितधारक स्वच्छता के लिए जरूरी तौर-तरीकों को जारी रखने, गौरवपूर्ण जीवन का निर्माण करने और दीर्घकालिक प्रभाव को आगे बढ़ाने में योगदान दे।

जल शक्ति मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार इस अभियान में स्वच्छता, मानवाधिकार और सामाजिक प्रतिष्ठा के बीच महत्वपूर्ण संबंध पर जोर दिया जाएगा। यह अभियान खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बनाए रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि के साथ स्वच्छ और स्वस्थ समुदायों के निर्माण के लिए लोगों के व्यवहार में परिवर्तन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

भारत ने 2019 में ओडीएफ का दर्जा हासिल कर लिया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण में ओडीएफ से आगे के प्रयास करने के लिए ‘ओडीएफ से बढ़ कर’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है ताकि ऐसे आदर्श गांवों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाय जहां खुले में शौच मुक्त की स्थिति कायम रखने की उपलब्धि सर्वोच्च मानदंड हो। विभाग का कहना है कि यह विश्व शौचालय दिवस की भावना के अनुरूप है। साथ ही इसका उद्देश्य यह याद दिलाना और सुनिश्चित करना भी है कि शौचालय का निरंतर उपयोग और रखरखाव उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शुरुआती मील के पत्थर को हासिल करना।

इस अभियान के तहत प्रशासनिक स्तर पर सबसे बेहतर तरीके से बनाए गए घरेलू शौचालयों (आईएचएचएल) और सामुदायिक स्वच्छता परिसरों (सीएससी) की पहचान और उन्हें पुरस्कृत करने के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। अभियान के दौरान रात्रि चौपाल और वाश क्लब जैसी पहल को शामिल किया जाएगा जिनमें सभी लोगों को एक साथ लाया जा सकेगा और बदलाव के लिए प्रेरित किया जा सकेगा। इसी तरह इसमें विशेष सम्मान शिविरों के माध्यम से सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा तथा लेटमाईप्राइड हैशटैग का उपयोग करके माईगव सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से स्वच्छता से जुड़ी सफलता की अपनी कहानियों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार इसमें शासन के सभी स्तरों से भागीदारी होगी। मुख्यमंत्री और राज्य मंत्री राज्य स्तरीय कार्यक्रमों का नेतृत्व करेंगे, जबकि जिला मजिस्ट्रेट और निर्वाचित प्रतिनिधि जिला स्तरीय कार्यक्रमों की देखरेख करेंगे।

मनोहर, उप्रेती

वार्ता

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