राज्य » अन्य राज्यPosted at: Feb 27 2019 7:29PM असम में सरकारी कर्मचारियों के माता-पिता के लिए ‘प्रणाम’ योजना शुरू
गुवाहाटी 27 फरवरी (वार्ता) असम सरकार ने एक योजना का शुभारंभ किया है जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों के का अपने वयोवृद्ध माता-पिता और अविवाहित दिव्यांग भाई-बहनों की देखभाल करना अनिवार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मंगलवार शाम असम कर्मचारी माता-पिता जिम्मेदारी और जवाबदेही एवं निगरानी नियम (प्रणाम) आयोग के उद्घाटन के अवसर पर कहा,“हमने सुनिश्चित किया है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी जरूरत के समय अपने वृद्ध माता-पिता और अविवाहित भाई-बहन को अनदेखा नहीं करे तथा उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करे।”
राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले वर्ष प्रणाम अधिनियम को मंजूरी दी थी जो देश में अपनी तरह का पहला अधिनियम है जिसके तहत राज्य सरकार के कर्मचारियों का अपने माता-पिता और अविवाहित दिव्यांग भाई-बहनों की देखभाल करना अनिवार्य किया गया है जिनके पास अपनी आय का कोई स्रोत नहीं है।
श्री सोनोवाल ने कहा कि महात्मा गांधी ने समाज में निस्वार्थ सेवा की अद्भुत मिसाल पेश की है और हर किसी को इसका अनुकरण करना चाहिए। राज्य सरकार के कर्मचारी अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करके समाज के समक्ष उदाहरण पेश करेंगे।
राज्य के वित्त मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बताया कि इस अधिनियम से चार लाख कर्मचारियों के आठ लाख माता-पिता को लाभ होगा। सरकार इस योजना के माध्यम से बच्चों की सफलता में माता-पिता की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डालने का प्रयास कर रही है।
यामिनी आशा
वार्ता