Friday, Apr 19 2024 | Time 21:37 Hrs(IST)
image
स्टार्टअप वर्ल्ड


‘स्टार्ट अप’ की नयी मंजिल है पूर्वोत्तर क्षेत्र

‘स्टार्ट अप’ की नयी मंजिल है पूर्वोत्तर क्षेत्र

नयी दिल्ली 12 नवंबर (वार्ता) पूर्वोत्तर क्षेत्र पूरे देश के युवाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘स्टार्ट अप’ की नयी मंजिल के रूप में तेजी से उभर कर सामने आ रहा है।

सूत्रों के अनुसार ‘स्टैंड अप इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया’ कार्यक्रमों के तहत उद्यमियों को कर अवकाश और निकास अवधि की छूट दी गयी है और पूर्वोत्तर क्षेत्र में ‘उद्यम निधि’ का प्रावधान किया गया है जिसका युवा काफी बड़ी संख्या में लाभ उठा जा रहे है।

गत दो वर्षो में संपर्क और परिवहन सुविधाओं में सुधार और प्रशासनिक स्तर पर ध्यान केंद्रित करने के कारण अधिक से अधिक युवा पूर्वोत्तर राज्यों में उद्यमशीलता के लिए जोखिम उठा रहे हैं और क्षेत्र की क्षमताओं का लाभ उठा रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वोत्तर के कुछ क्षेत्रों में पर्याप्त भंडारण और परिवहन सुविधा नहीं होने के कारण 40 प्रतिशत फल और सब्जियां नष्ट हो जाती हैं, जबकि इनका इस्तेमाल किफायती दरों पर ताजा और शुद्ध फलों का रस बनाने के लिए किया जा सकता है।

दो से तीन वर्ष के दौरान घरेलू पर्यटन में बढोतरी हुई है। कई युवा इसका लाभ उठा रहे हैं। सिक्किम के पकयोंग, अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर और मेघालय के शिलांग में नए हवाई अड्डों के साथ बड़ी रेलवे लाइन की समयबद्ध योजना से व्यापार में सुविधा मिलेगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र में औषधि और स्वास्थ्य क्षेत्र भी उद्यमियों को नए अवसर प्रदान कर सकता है। निजी क्षेत्र को मिले प्रोत्साहन से पूर्वोत्तर क्षेत्र में नए अस्पताल खुले हैं और युवा उद्यमी अवसरों का लाभ उठा रहे हैं।

पूर्वोत्तर राज्यों में परंपरागत रूप से महिलाएं अधिक सशक्त और रोजगार स्तर पर अधिक सक्रिय रही हैं। स्व सहायता समूहों को “घर में उद्यमिता” के लिए प्रोत्साहन देने से युवा उद्यमी आगे आए हैं और उन्होंने हथकरघा और वस्त्र क्षेत्र में काम करने का निर्णय लिया है। वस्त्र मंत्रालय ने पूर्वोत्तर राज्यों के विशेष योजनाओं की शुरूआत की है। सरकार की पूर्वोत्तर औद्योगिक विकास नीति और अधिक बजट सहयोग का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाया जा रहा है।

सरकार के कदमों का उल्लेख करते हुए सूत्रों ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र वास्तव में सुअवसरों की भूमि है। विगत तीन वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र की अज्ञात क्षमताओं को उभारने के लिए प्रयासों की पहल की गई है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के पास बांस की 50, केले की 14 और चकोतरा फल की 14 किस्में हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में अनानास और संतरे की पैदावार बहुतायत से है। इन उत्पादों को निर्यात में यदि सहयोग नहीं मिलता है तो यह उत्पादन व्यर्थ हो जाता है।

मौजूदा सरकार रेल और सड़क संपर्क पर विशेष ध्यान दे रही है। क्षेत्र में पहली बार क्षेत्र आधारित पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजनाओं की शुरूआत की गई है। असम, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के पूर्वोत्तर क्षेत्र में तीन मेगा फूड पार्क हैं। सिक्किम राज्य को भारत का प्रथम जैविक राज्य घोषित किया गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र की सभ्यता और उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न शहरों में अायोजन किये जा रहे हैं।

सत्या, यामिनी

वार्ता

There is no row at position 0.
image