नयी दिल्ली 21 मई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के नोएडा से सटे दादरी के बिसाहड़ा कांड और अखलाख की हत्या से पैदा हुई परिस्थितियां भी यहां के गंगा-जमुनी तहजीब को हिला ना सकी। दादारी की यही जिंदादिली देखने को मिलेगा ‘द ब्रदरहुड’ नामक वृत्तचित्र में। इस फिल्म का निर्माण ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब के सहयोग से पत्रकार और वृत्त चित्र निर्माता पंकज पाराशर ने किया है। फिल्म के ट्रेलर को यू-ट्यूब पर जारी किया गया है जो इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है। समाजिक मुद्दों पर इससे पहले भी कई फिल्म बना चुके पंकज ने कहा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं परेशानी तो पैदा कर सकती हैं लेकिन हिन्दू और मुस्लिमों के बीच गहरे रिश्तों को खत्म नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा, “ ‘द ब्रदरहुड’ में बिसाहड़ा कांड और अखलाख की हत्या से पैदा हुई परिस्थितियों को दर्शाया है। यहां के दो गांवों घोड़ी बछेड़ा और तिल बेगमपुर के बीच रिश्ते इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म का मुख्य विषय है। घोड़ी बछेड़ा हिन्दू ठाकुरों का गांव है और तिल बेगमपुर में मुस्लिम ठाकुर हैं लेकिन घोड़ी बछेड़ा गांव, तिल बेगमपुर गांव को अपना बड़ा भाई मानता है। इसके पीछे कई ऐतिहासिक घटनाएं हैं। पंकज के मुताबिक 28 सितंबर 2015 की रात दादरी के गांव बिसाहड़ा में गोहत्या के आरोप में अखलाख की हत्या के बाद राजनीतिक फायदे के लिये ऐसा माहौल बनाया गया कि हिन्दू और मुसलमान साथ नहीं रह सकते, लेकिन वहां की तस्वीर बिल्कुल अलग है। इस इलाके में हिन्दू और मुस्लिमों के रिश्तों को यह डॉक्यूमेंट्री सामने लाएगी। उन्होंने बताया कि कि बिसाहड़ा के पड़ोस में ही घोड़ी बछेड़ा और तिल बेगमपुर गांव है। घोड़ी बछेड़ा गांव में भाटी गोत्र के हिन्दू ठाकुर हैं और तिल बेगमपुर में भाटी गोत्र के मुस्लिम ठाकुर हैं। घोड़ी बछेड़ा गांव तिल बेगमपुर गांव को अपना बड़ा भाई मानता है। मतलब, एक हिन्दू गांव का बड़ा भाई मुस्लिम गांव है। ‘द ब्रदरहुड’ के सह निर्देशक हेमवती नंदन रजौरा ने कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री 24 मिनट की है और इस में ग्रेटर नोएडा तथा दादरी के अलावा जैसलमेर, सोमनाथ और ऋषिकेश से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं और स्थल देखने को मिलेंगे जिससे ये साफ होगा की देश में गंगा-जमुनी तहजीब की कई मिसाल में दादरी भी एक है। अमित, आजाद वार्ता