नयी दिल्ली,19 नवम्बर (वार्ता) दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना राशि को पांच सौ रुपये से बढ़ाकर दो हजार रुपये करने को गलत करार देते हुए इसे तुरंत वापस लिये जाने की गुरुवार को मांग की।
श्री कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सर्वदलीय बैठक बुलाने में आठ महीने लग गए जबकि कोविड-19 जैसे संवेदनशील मामले पर दिल्ली की स्थिति को सुधारने के लिए तुरंत ही सर्वदलीय बैठक बुलानी जरूरी थी। उन्होंने कहा कि सरकार का बाजारों में लॉकडाउन लगाने को दिल्ली कांग्रेस जायज नही मानती, क्योंकि व्यापारी वर्ग पिछले आठ महीनों से लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे है। सर्वदलीय बैठक में श्री कुमार के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष जय किशन भी शामिल हुए थे।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लॉकडाउन की जगह बाजारों में कोविड प्रोटोकॉल के तहत दिशा निर्देशों का पालन कराया जाए, क्योंकि व्यापारी वर्ग लॉकडाउन को सहने की स्थिति में नही है। उन्होंने दिल्ली सरकार के मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने को 500 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने के फैसले को भी गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को जुर्माना लगाने की जगह जागरुकता अभियान चलाना चाहिए क्योंकि जुर्माना राशि बढ़ाने से सरकार अपना खजाना भरना चाहती है, लेकिन इसके साथ-साथ भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा। उन्होंने दिल्ली में मास्क नहीं पहनने पर बढ़ाये जुर्माने को तुरंत वापस लेने की मांग की।
दिल्ली सचिवालय में आयोजित आज सर्वदलीय बैठक में श्री कुमार ने प्रदेश कांग्रेस की ओर से यह मांग की कि निजी लैब में होने वाली आरटी-पीसीआर कोविड जांच दिल्लीवासियों के लिए नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जाऐ। उन्होंने यह भी मांग की कि राजधानी में बढ़ते कोविड मामलों को देखते हुए टेस्टों की संख्या बढ़ाकर प्रतिदिन दो लाख किए जाए जिनमें अधिक संख्या में आरटी पीसीआर जांच की जानी चाहिए और आरटी पीसीआर जांच रिपोर्ट 24 घंटे के बीच में आनी सुनिश्चित की जाए, जिससे कोविड मरीजों का जल्दी इलाज शुरु हो सके।
उन्होंने कहा कि यह भी सुझाव दिया कि लॉकडाउन के कारण लोगों के रोजगार और व्यापार अधिक प्रभावित होने के कारण अजीविका के लिए जूझ रहे है। कांग्रेस पार्टी की न्याय योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 72,000 रुपये वार्षिक आर्थिक मदद दी जानी चाहिए और दिल्ली के कंटेन्मेन्ट जोन में आने वाले परिवारों को 10,000 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से विशेष आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। दिल्ली सरकार के शादी समारोह में 200 की जगह 50 लोगों के शामिल होने के आदेश के कारण परिवार को होने वाले आर्थिक नुकसान के लिए सरकार परिवारों को मुआवजा दे।
मिश्रा आशा