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‘विक्रम’ से संपर्क टूटने के कारणों की समीक्षा कर रही है समिति : इसरो

‘विक्रम’ से संपर्क टूटने के कारणों की समीक्षा कर रही है समिति : इसरो

बेंगलुरु, 19 सितंबर (वार्ता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को बताया कि राष्ट्रीय स्तर की एक समिति चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क टूटने के कारणों की समीक्षा कर रही है।

इसरो ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी। उसने बताया कि इस समिति में देश के जाने-माने शिक्षाविद् और इसरो के विशेषज्ञ शामिल हैं।

चंद्रयान का प्रक्षेपण 22 जुलाई को आँध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया था। चंद्रयान के लैंडर को सात सितंबर को तड़के चंद्रमा की सतह पर उतरा जाना था और चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर की दूरी तक सब कुछ ठीक रहा। लेकिन इसके बाद लैंडर का संपर्क मिशन नियंत्रण कक्ष से टूट गया। लैंडर चंद्रमा की सतह पर जा गिरा जिसकी पुष्टि इसरो ने की है। तमाम कोशिशों के बावजूद उससे दुबारा संपर्क स्थापित नहीं किया जा सका।

इसरो ने यह भी बताया कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर विज्ञान से जुड़े उन सभी प्रयोगों को संतोषजनक रूप से अंजाम दे रहा है जो पहले से तय योजना के हिसाब से उसे करने हैं। ऑर्बिटर के सभी पे-लोड यानी वैज्ञानिक उपकरणों को ऊर्जा मिलनी शुरू हो गयी है तथा उनका आरंभिक ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा दिया गया है। इसरो ने बताया कि ऑर्बिटर के सभी पे-लोड का प्रदर्शन ट्रायल में संतोषजनक पाया गया है।

अजीत.श्रवण

वार्ता

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