जयपुर, 23 मई (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में गरीबों, असहाय एवं जरूरतमंदों को राशन एवं अन्य सामग्री वितरण के मामले में राजस्थान मॉडल स्टेट के रूप में उभरा है।
श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में निःशुल्क गेहूं वितरण पर राज्य सरकार द्वारा 114 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि वहन की गई। भारतीय खाद्य निगम से गेहूं का उठाव सामान्य की तुलना में तीन गुना किया गया। गेहूं का उठाव एक माह में ही किया जा रहा है जबकि पहले इसमें दो माह का समय लगता था। अप्रैल एवं मई 2020 में गेहूं वितरण सामान्य की तुलना में दुगुना किया गया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में लाभार्थियों को दो रूपये प्रति किलो गेहूं देने का प्रावधान है, लेकिन राज्य सरकार ने अन्त्योदय अन्न योजना, बीपीएल, स्टेट बीपीएल श्रेणी के तहत आने वाले परिवारों को एक रूपये प्रति किलो गेहूं उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इस श्रेणी के परिवारों को 1 रूपये प्रति किलो गेहूं वितरण पर मार्च 2019 से मार्च 2020 तक 111 करोड़ रूपये की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की गई।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदेश में तीन करोड सात लाख असहाय एवं जरूरतमंदों को सूखा राशन एवं पकी हुई खाद्य सामग्री वितरित की गई। प्रवासी व्यक्ति एवं अन्य विशेष श्रेणी के लोग जो खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में शामिल नहीं है उन्हें आगामी दो माह तक 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं निःशुल्क दिया जाएगा। इसके लिए सर्वे करवाकर डेटाबेस तैयार किया जाए ताकि उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से उन्हें गेहूं वितरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ऐसे प्रवासियों जिनका नाम एनएफएसए सूची में नहीं है उन तक 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं पहुंचाकर उन्हें राहत प्रदान करे और इस कार्य में तेजी लाई जाए।
श्री गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) की सूची में जुड़े अपात्र लोगों के नाम हटाकर वास्तविक रूप से हकदार लोगों के नाम इस सूची में जोड़े जाएं। शहरी क्षेत्रों में विशेषकर जयपुर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लोगों की संख्या काफी कम है, अतः पात्र लोगों के नाम शहरी क्षेत्रों में सर्वे कर जोड़े जाएं।
इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने बाट एवं नाप तौल विभाग को भी सुदृढ़ बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ई-तुलेमान पोर्टल बनाया गया है ताकि कम नाप-तौल करने वालों का आकस्मिक निरीक्षण कर उन पर कार्रवाई की जा सके। उन्होंने राशन कार्ड में दर्ज प्रत्येक लाभार्थी का नाम आधार कार्ड से सत्यापित करने का सुझाव दिया।
उन्होंने शहरी क्षेत्रों में पात्र होने के बाद भी एनएफएसए की सूची में शामिल नहीं हो पाए गरीबों को जोड़ने के लिए कुछ शिथिलता देने का भी आग्रह किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 25 जिलों में केरोसीन की मांग नहीं होने के कारण इन जिलों को केरोसीन फ्री किया जा चुका है। धीरे-धीरे अन्य जिलों को भी केरोसिन मुक्त करने की योजना पर काम किया जा रहा है।
रामसिंह
वार्ता