नयी दिल्ली, 21 जुलाई (वार्ता) भारत ने पड़ोसी और मित्र देशों के प्रशासन तंत्र की क्षमता के विस्तार में सहयोग के कार्यक्रमों के तहत बंगलादेश के 16 उप-उच्चायुक्तों के लिए एक सप्ताह का एक विशेष प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण कार्यक्रम पूरा किया है। इन अधिकारियों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने दोनों देशों में एक समान चुनौतियों का सामना करने वाले जिलों की पहचान ‘जुड़वा जिले’ के रूप में किए जाने और उनके विकास के अनुभवों को साझा किए जाने का प्रस्ताव किया।
रविवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) में 15-20 जुलाई तक आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम सार्वजनिक नीति और शासन पर केंद्रित था1 प्रशिक्षण के लिए बंगलादेश से आए अधिकारियों को केंद्रीय लोक शिकायत और पेंशन मामलों के राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से मुलात भी करायी गयी।
इस कार्यक्रम में भारत सरकार के वरिष्ठ सचिवों और जिला कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों के साथ महत्वपूर्ण विषयों पर विभिन्न पहलों और सर्वोत्तम प्रणालियों पर बातचीत शामिल थी। समापन समारोह की अध्यक्षता एनसीजीजी के महानिदेशक वी. श्रीनिवास ने की।
रविवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार डॉ सिंह ने बंगलादेश से आए वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए, भारत और बांग्लादेश में एक जैसी चुनौतियों का सामना करने वाले ‘जुड़वां जिलों’ की पहचान का प्रस्ताव रखा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘पड़ोसी पहले’ नीति के माध्यम से भारत-बंगलादेश संबंधों को मजबूत बनाने की पहलों का भी उल्लेख किया ‘विकसित भारत @2047’ और ‘स्मार्ट बंगलादेश विजन 2041’ के बीच समानताओं को रेखांकित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत और केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) जैसे भारत के विकास कार्यक्रमों की सफलता पर जोर दिया, जिन्हें बंगलादेश में शुरू किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत बंगलादेश के 1,500 प्रशासिनिक अधिकारियों के क्षमता निर्माण कार्यक्रम के प्रथम चरण के पूरा होने के बाद, एनसीजीजी ने वर्ष 2025 तक और 1,800 अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए बंगलादेश के साथ एक समझौता किया है। विदेश मंत्रालय और बंगलादेश में भारतीय मिशन के साथ घनिष्ठ सहयोग से, एनसीजीजी ने बंगलादेश के लगभग 2,650 अधिकारियों को अभी तक प्रशिक्षित किया है।
मनोहर.संजय
वार्ता