भोपाल, 11 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित भोपाल मैमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) के नेत्र विभाग में वर्ष 2019 के दौरान 1955 मरीजों की आंखों की शल्यक्रिया कर उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया गया।
भोपाल गैस पीड़ितों के इलाज के लिए अमरीका के सहयोग से लगभग 20 वर्ष पहले बने इस अस्पताल के नेत्र विभाग में अब तक 27 हजार से अधिक मरीजों की नेत्र सर्जरी हुयी है, जिनमें से अधिकतर गैस पीड़ित ही हैं।
नेत्र विभाग की कार्यकारी अध्यक्ष डॉ हेमलता यादव ने आज यूनीवार्ता को बताया कि बीस वर्षों के दौरान वर्ष 2019 में सबसे अधिक 1955 मरीजों की नेत्र सर्जरी की गयी, जो कि अस्पताल के 20 वर्ष के इतिहास में एक कीर्तिमान है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इसके पहले एक वर्ष में इतनी अधिक नेत्र सर्जरी कभी नहीं हुयीं।
डॉ यादव ने इसके पहले वर्ष 2018 में बारह सौ से अधिक मरीजों की नेत्र सर्जरी हुयी थी। उन्होेंने बताया कि गैस पीड़ितों के अलावा यहां पर आयुष्मान योजना के तहत भी मरीजों के नेत्रों का इलाज किया जाता है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 की उपलब्धि के मद्देनजर शुक्रवार को अस्पताल के नेत्र विभाग के चिकित्सकों और कर्मचारियों को सम्मानित करने के लिए एक समारोह रखा गया, जिसमें अस्पताल निदेशक डॉ प्रभा देसीकन ने संबंधितों को प्रशस्तिपत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
भोपाल में दो और तीन दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात्रि में कीटनाशक बनाने वाले कारखाने यूनियन कार्बाइड में जहरीली गैस मिथाइल आइसो सायनेट (मिक) के रिसाव के कारण हजारों लोगाें की मौत हो गयी थी और हजारों साढ़े तीन दशक बाद भी इसके दुष्प्रभाव झेलने मजबूर हैं। गैस पीड़ितों के इलाज के लिए अमरीका के सहयोग से दो दशक पहले बीएमएचआरसी की स्थापना की गयी थी।
प्रशांत
वार्ता