नयी दिल्ली, 24 मई (वार्ता) भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज कृष्णामाचारी श्रीकांत ने 1983 विश्वकप की अविस्मरणीय जीत को याद करते हुए कहा है कि यह भारतीय क्रिकेट के लिये टर्निंग प्वाइंट थी।
भारत की 25 जून 1983 को इंग्लैंड में वेस्ट इंडीज पर मिली खिताबी जीत को गुरूवार को 37 साल पूरे होने जा रहे हैं। भारत ने पहली बार क्रिकेट विश्व कप का खिताब जीता था। इस अवसर को लेकर स्टार स्पोर्ट्स ‘1’ तमिल ने एक रोमांचक कार्यक्रम ‘विनिंग द वर्ल्ड कप-1983’ शुरू किया है।
श्रीकांत ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम में विश्वकप फाइनल के लम्हों को याद करते हुए कहा, “मुझे याद है कि फाइनल की पूर्वसंध्या पर बोर्ड के सभी शीर्ष अधिकारी, संयुक्त सचिव के साथ हम सबकी एक छोटी सी बैठक थी। उन्होंने कहा कि कल के फाइनल की चिंता मत करो, तुम्हारी यहां तक की यात्रा अपने आप में शानदार है और अगले दिन मैच का परिणाम कुछ भी हो हम सभी के लिए 25000 रुपये बोनस की घोषणा की गई। यह सुनकर हम सभी रोमांचित हो गये।
उन्होंने कहा, “मैं ईमानदारी से कहूं तो हमें फाइनल का इतना दबाव महसूस नहीं हो रहा था। हमारे पास खोने के लिये कुछ भी नहीं था। चूंकि वेस्टइंडीज ने विश्वकप 1975 और 1979 का खिताब जीता था इसलिए इस बार भी खिताब की वह प्रबल दावेदार थी। उनका क्रिकेट पर दबदबा था, वह एक चैंपियन टीम थी। इसलिए हमने सोचा कि फाइनल ही खेलना कितनी बड़ी बात है।”
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने विश्वकप 1983 के उन लम्हों को याद किया जब तत्कालीन कप्तान कपिल देव ने टीम को प्रेरित किया था। उन्होंंने कहा, “वेस्टइंडीज की मजबूत बल्लेबाजी और हमारा 183 का स्कोर देखते हुए हमने सोचा कि हमारे पास मैच में वापसी की गुंजाइश नहीं बची है। लेकिन कपिल देव ने उस वक्त प्रेरित करते हुए कहा कि हम 183 का स्कोर बना पाये हैं लेकिन हमें इतनी आसानी से मैच हाथ से नहीं जाने देना है और हमें लड़ना होगा।”
श्रीकांत ने कहा कि 25 जून 1983 की शाम को कपिल देव का लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर ट्रॉफी हाथ में उठाये जाने वाले पल ने बहुत सारे भारतीयों की यादों में एक अमिट जगह बना ली।,
उन्होंने कहा, “यह भारतीय क्रिकेट के लिए और मूलत: भारतीयों के लिए टर्निंग प्वाइंट था। ऐसे दौर में जब क्रिकेट में वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अन्य देशों का दबदबा था उस वक्त भारत जैसी छुपा रुस्तम टीम विश्वविजेता बन गयी। इस भावना को व्यक्त करना कठिन है और यह एक अलहदा अनुभव है। लेकिन एक भारतीय के रूप में हम गौरवान्वित हैं।”
शुभम राज
वार्ता