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जीएसटी के चौथे वर्ष में 2.67 लाख करोड़ कम कर संग्रह की संभावना बड़ी चुनौती : सुशील

जीएसटी के चौथे वर्ष में 2.67 लाख करोड़ कम कर संग्रह की संभावना बड़ी चुनौती : सुशील

पटना 01 जुलाई (वार्ता) बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के चौथे वर्ष 2020-21 में दो लाख 67 हजार करोड़ रुपये कम राजस्व संग्रह होने की संभावना बड़ी चुनौती बन गई है।

श्री मोदी ने बुधवार को जीएसटी की वर्षगांठ पर ‘कम्पनी सेक्रेटरी ऑफ इडिया’ के देश भर के सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के कारण साल 2020-21 में दो लाख 67 हजार करोड़ रुपये कम राजस्व संग्रह होने की संभावना है। राज्यों के राजस्व क्षति की भरपाई पर विचार के लिए केन्द्र सरकार की ओर से इस महीने के तीसरे सप्ताह में एक बैठक हो सकती है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली नहीं होते तो जीएसटी को लागू करना मुश्किल था। इसके लागू होने से पूरे देश के राज्यों की सीमा से जांच चौकी समाप्त हो गई, एक देश, एक कानून, एक प्रकार की कर व्यवस्था, सारी प्रक्रिया ऑनलाइन कर मानवीय हस्तक्षेप को खत्म करने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिली। केन्द्र और राज्यों के 16 विभिन्न करों और 15 तरह के सेस और सरचार्ज को समाहित कर जीएसटी लागू की गई।

श्री मोदी ने बताया कि पहले दो वर्ष में जीएसटी की प्रगति अच्छी रही लेकिन तीसरे वर्ष में आर्थिक मंदी के कारण राज्यों का राजस्व प्रभावित होने लगा। चौथे वर्ष में सबसे बड़ी चुनौती कोरोना संकट के कारण राजस्व संग्रह में आ रही कमी है। वित्तीय वर्ष के पहले दो महीने में पिछले वर्ष की तुलना में मात्र 45 फीसदी ही कर संग्रह हो पाया। पूरे वर्ष में यदि पिछले वर्ष की तुलना में 65 प्रतिशत भी कर संग्रह होता है तो राज्यों के राजस्व में दो लाख 67 हजार करोड़ की कमी संभावित होगी।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्यों के राजस्व में 14 प्रतिशत से कम वृद्धि होने पर क्षतिपूर्ति का प्रावधान है। केन्द्र के राजस्व में भी कमी आई है। ऐसे में केन्द्र और राज्यों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि लाॅकडाउन के कारण राजस्व की कमी की भरपाई कैसे की जाए। कोरोना संकट के दौरान कर में वृद्धि करना भी उचित नहीं है। राज्यों ने केन्द्र से कर्ज लेकर क्षतिपूर्ति का सुझाव दिया है, जिसपर अगली बैठक में विचार हो सकता है।

सूरज शिवा

वार्ता

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