चेन्नई 08 जून (वार्ता) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने विपक्षी एकता का आह्वान करते हुए कहा कि 2024 का आम चुनाव पांच वर्षों में एक बार होने वाला रस्म नहीं है बल्कि ‘सांप्रदायिक, फासीवादी और तानाशाही’ भाजपा को हटाने और लोकतंत्र बचाने के लिए एक लोकतांत्रिक लड़ाई है।
पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की जन्मशती के अवसर पर आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए श्री स्टालिन ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि अगली बार देश में किसकी सरकार नहीं बनानी चाहिए।
उन्होंने कहा,“यह एक लोकतांत्रिक लड़ाई है जो हमारा इंतजार कर रही है। यह कोई चुनावी रस्म नहीं है जो सरकार बदलने के लिए पांच वर्षों में एक बार आयोजित की जाती है बल्कि देश के लोकतंत्रित और संघवाद व्यवस्था को बचाने की लड़ाई और लोकतंत्र के समर्थक दलों को अपने मतभेद भुलाकर मिलकर काम करने का अवसर है।”
उन्होंने सभी विपक्षी दलों से और गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ‘सांप्रदायिक, फासीवादी और तानाशाही भाजपा’ को हराने के लिए एक साथ आने की अपील करते हुए कहा कि विपक्षी दलों को अपने मतभेदों को भुलाकर एकसाथ आना चाहिए और अपने मदभेदों को अनुचित महत्व नहीं देना चाहिए।
श्री स्टालिन ने दावा किया कि भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है और लोगों के बीच झूठ फैला सकती है। उन्होंने गैर-भाजपा शासित राज्यों के दलों के नेताओं और मुख्यमंत्रियों से आह्वान किया कि वे भाजपा के झांसे में न आएं, जो विभाजनकारी राजनीति, जाति, धर्म एवं विपक्षी दलों के बीच विभाजन का लाभ उठाकर अगले वर्ष का आम चुनाव जीतने की कोशिश करेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा अपना झूठ फैलाने के लिए किसी भी हद को पार करेगी और उसके पास एक गुमराह होने वाली भीड़ है जो निंदात्मक अभियानों में शामिल होने के लिए तैयार है।
श्री स्टालिन ने कहा, “हम तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि का खेल देख रहे हैं, जिनके साथ द्रमुक सरकार का विभिन्न मुद्दों पर टकराव चल रहा है। हम एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं और हम घोषणा कर रहे हैं कि अब बहुत हो चुका है और भाजपा के इरादों के खिलाफ खड़े होने की आवश्यकता है। राज्यपाल रवि को जो बोलना है उन्हें बोलने दीजिए, क्योंकि जनता हमारे साथ है। जिन लोगों देश की एकता एवं समानता में विश्वास है, वे हमारे साथ हैं और हम पर विश्वास करते हैं।”
श्री स्टालिन ने यह भी कहा कि वह 23 जून को पटना में होने वाले विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें जदयू नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से इस बैठक में शामिल होने का आमंत्रण मिला है, जिसमें पूरे देश के विपक्षी नेता शामिल होंगे।
श्री स्टालिन ने कहा कि कुछ लोग द्रविड़ शब्द से डरते हैं क्योंकि वे देश में समावेशी विकास के खिलाफ हैं और समाज के किसी एक वर्ग के विकास को बढ़ावा देना चाहते हैं।
इस कार्यक्रम में द्रमुक के अन्य गठबंधन दलों के नेताओं ने भी अपने विचार रखे, जिसमें टीएनसीसी अध्यक्ष, एमडीएमके महासचिव वाइको, माकपा राज्य सचिव के. बालाकृष्णन और भाकपा, वीसीके और आईयूएमएल भी शामिल हैं।
इस बैठक का आयोजन तीन जून को करुणानिधि की जन्मशती के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित एक दिवसीय शोक के कारण इसे टाल दिया गया। डीएमके की योजना श्री करूणानिधि की जन्मशती को पूरे वर्ष भर चलने वाले समारोहों के साथ मनाने की है।
अभय.संजय
वार्ता