नयी दिल्ली, 01 फरवरी (वार्ता) मंत्रमुग्ध कर देने वाले नाटकों और रंगमंच के पुरोधा विशेषज्ञों के चर्चा सत्र से भरपूर भारत रंग महोत्सव के 20वें सत्र का राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को उद्घाटन किया गया।
यह वार्षिक आयोजन देश के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) की ओर से प्रत्येक वर्ष किया जाता है। एनएसडी भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत संचालित एक स्वायत्त संस्थान है।
केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने 21 दिनों तक चलने वाले इस देशव्यापी रंगमंच (थिएटर) महोत्सव का उद्घाटन राजधानी के कमानी ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान किया।
इस अवसर पर डॉ. महेश शर्मा ने कहा, “जो लोग समाज के लिए कुछ करते हैं उन्हें यह देश दिल खोलकर प्रोत्साहन देता है। 132 करोड़ आबादी वाला यह देश कला और संस्कृति के जरिए एक-दूसरे जुड़ा हुआ है। हमारे प्रधानमंत्री ने एक बार मुझसे कहा था कि हमारी सबसे बड़ी ताकत है हमारी समृद्ध विरासत और संस्कृति। हमारी कला हमारी जीवनरेखा है। थिएटर ओलम्पिक ने नयी पहचान बनाने में सहायता की थी और भारत रंग महोत्सव की देश के अन्य शहरों तक पहुंच होने से वह पहचान और पुख्ता होगी।”
एनएसडी के निदेशक सुरेश शर्मा ने कहा, “थिएटर ने हमेशा से उन सामाजिक विचारधाराओं को ग्रहण करने और दर्शाने का प्रयास किया है जो आम तौर पर हमें देखने को नहीं मिलती हैं। थिएटर हमेशा से एक अनुकूल माध्यम रहा है और मानवीय भावनाओं को अपने भीतर समेटते हुए कहानी कहने की कला की तमाम सीमाओं को तोड़ते हुए आगे बढ़ता रहा है। हम भारत रंग महोत्सव के 20वें सत्र के आयोजन में सहयोग के लिए संस्कृति मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हैं। पिछले 19 वर्षों से हम भारत रंग महोत्सव का सफल आयोजन करते आए हैं, और इस साल भी हमने मुक्त विचारों से थिएटर के पारदर्शी परिदृश्य को पेश करने का लक्ष्य रखा है।”
उद्घाटन समारोह के बाद 50 मिनट की संगीतमय प्रस्तुति ‘करंत के रंग’ की प्रस्तुति दी गयी, जिसका निर्देशन श्री आमोद भट्ट ने किया और इसे पेश किया मुम्बई के रंगपूर्वा ग्रुप ने।
20वें भारत रंग महोत्सव के तहत 111 राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय नाटकों का मंचन किया जाएगा जिनमें लोक प्रस्तुतियां व अन्य परंपरागत रंगमंच विधाएं, आमंत्रित नाटक और दुनिया के बेहतरीन प्रशिक्षण संस्थानों में से एक एनएसडी के छात्रों के प्रॉडक्शन भी शामिल होंगे।
20वें भारत रंग महोत्सव के तहत नयी दिल्ली में जिन विदेशी नाटकों का मंचन किया जाएगा वे हैं- ‘ज़ेम्स्टा (रिवेंज)’ (पोलिश; हेनरिक तलार), ‘किंग ओडिपस’ (बंगाली; असीम दास), ‘एलियन’ (तातर; फैड्रिक बिक्चेंट्यु), ‘माई स्वीट रॉटेन हेरिटेज’ (अंग्रेजी; अनसुया सुबासिंघे), ‘द ओपेन कपल’ (बंगाली; सारा ज़ाकिर), ‘मैकबेथ’ (बंगाली; इस्राफिल शाहीन), ‘ऐन इलिआद,’ (अंग्रेजी; गाय रॉबर्ट्स और रेबेका ग्रीन उड्डेन), ‘डेस्परेसिडो#43’ (ट्राइलिंगुल; अन्ना डोराडोर्नो), ‘थ्री सिस्टर्स’ (अंग्रेजी; रोज स्केविट्ज), ‘चरहारुको सम्मेलन (कॉन्फ्रेंस ऑफ द बर्ड्स)’ (नेपाली; दीया मस्की), ‘थाउजेंड एंड वन नाइट्स (बारबरियन नाइट्स) ‘(रोमेनिय; इंग्रिड बोंता), ‘द डिपार्टमेंट’ (द्विभाषी; बुद्धिका दमयंता), ‘स्टॉर्मी वेदर’ (अंग्रेजी; जेहान एलॉयसिस), ‘डियर अलीना सर्जीवना’ (रशियन; वेसीलिसा टेप्ल्याकोवा), और ‘व्हेन वी डेड अवेकन’ (अंग्रेज़ी; शंकर वेंकटेश्वरन)।
जिन लोक प्रस्तुतियों का मंचन किया जाएगा उनमें शामिल हैं, ‘सुंदर माझ घर’ (झाडी पत्ती)’ (झाडी बोली); अनिरुद्ध बांकर), ‘अभिमानाया सुंदरी तिरुकल्यानम’ (तमिल; डी. इलुमलाई), राजा हरिश्चंद्र (माच)’ (हिंदी; बाबू लाल देवडा), ‘छाऊ’ (मयूर भांज व सराई केला)’ (अमौखिक; सपन कुमार आचार्या), ‘फूल सिंह नौटंकी (स्वांग)’ (द्विभाषी; सतीश कश्यप व संध्या शर्मा), ‘गोगा चौहान का कच्चामनी खयाल’ (राजस्थानी; मोहम्मद सिद्दीकी), ‘वाली मोक्षा’ (कन्नड; कीरीमाने शिवनंदा हेगडे) और ‘सुल्ताना डाकू’ (नौटंकी)’ (हिंदी; देवेंद्र शर्मा)।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एनएसडी सोसायटी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अर्जुन देव चरण ने की।
भारत रंग महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) द्वारा किया गया है जो कि रंगमंच (थिएटर) के क्षेत्र में दुनिया के बेहतरीन प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है।
प्रसिद्ध नृत्यांगना और रंगमंच कलाकार डॉ. सोनल मानसिंह, जाने-माने रंगमंच निर्देशक एवं एनएसडी के पूर्व निदेशक प्रो. राम गोपाल बजाज ने उद्घाटन समारोह के माननीय अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव, आईएएस अधिकारी श्री अरुण गोयल विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
रंगमंच के इस महापर्व का समापन 21 फरवरी को नयी दिल्ली में होगा।