जौनपुर, 27 दिसम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में जौनपुर के सरावां स्थित लाल बहादुर गुप्त स्मारक पर आज हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी व लक्ष्मी बाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने मशहूर शायर मिर्जा असदुल्लाह खां ' गालिब ' का 222 वां जन्मदिन मनाया।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने मोमबत्ती व अगरबत्ती जलाई और दो मिनट का मौन रखकर शायर-ए-आजम मिर्जा गालिब को श्रद्धांजलि दी ।
शहीद स्मारक पर मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए लक्ष्मी बाई ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि देश के मशहूर शायर मिर्जा असदुल्लाह खां गालिब का जन्म 27 दिसम्बर 1797 को उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में हुआ था। आगरा शहर के बाजार सीताराम की गली कासिम जान में स्थित हवेली में गालिब ने अपनी जिन्दगी का लम्बा सफर व्यतीत किया।
मिर्जा गालिब ने 11 साल की उम्र से ही उर्दू एवं फारसी में गद्य एवं पद्य लिखना आरंभ कर दिया था । इस हवेली को संग्रहालय का रूप दे दिया गया है। जहां पर गालिब का कलाम भी देखने का मिलता है। उर्दू ,फारसी अदब के अजीम शायर मिर्जा गालिब को लोग प्यार से मिर्जा नौसा के नाम से पुकारते थे। गालिब ने दिल्ली में रहकर 1857 की क्रान्ति देखी, मुगलबादशाह बहादुर शाह जफर का पतन देखा, अग्रेजों का उत्थान और देश की जनता पर उनके जुल्म को भी अपनी आंखों से देखा था ।
सं विनोद
वार्ता