नयी दिल्ली 01 अक्टूबर (वार्ता) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि रक्षा लेखा विभाग (डीएडी) के कुल 32 लाख रक्षा पेंशनभोगियों में से 30 लाख को स्पर्श (सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन (रक्षा)) पोर्टल से सफलतापूर्वक जोड़ दिया गया है।
श्री सिंह ने यहां रक्षा लेखा विभाग के 277 वें वार्षिक दिवस समारोह में कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद विभाग इस वेब-आधारित प्रणाली के कार्यान्वयन में सफल रहा है।
रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर डीएडी के विभिन्न प्रकाशनों के साथ स्पर्श ऑडिट मैनुअल की शुरूआत की। उन्होंने संसाधनों के अधिकतम उपयोग, लेखांकन में दक्षता , पारदर्शिता और नवीनतम प्रौद्योगिकियों को अपनाने के माध्यम से देश के रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के आधुनिकीकरण और मजबूती की दिशा में डीएडी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने छोटी-छोटी बारीकियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए विभाग की सराहना की, जिससे रक्षा संबंधी नीतियों और प्रस्तावों में आवश्यक सुधार होते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में हासिल की गई प्रगति का उल्लेख करते हुए श्री सिंह ने कहा कि एक समय था जब सशस्त्र बलों के लिए खरीद आयात पर निर्भर थी और अर्थव्यवस्था पर रक्षा व्यय का सकारात्मक प्रभाव बहुत सीमित था। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रयासों के कारण, भारत को आज एक रक्षा निर्यातक के रूप में देखा जाता है।
रक्षा मंत्री ने डीएडी से विभाग को रक्षा वित्त और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में ‘उत्कृष्टता केंद्र’ बनाने के लिए एक रोडमैप तैयार करने का आग्रह किया। उन्होंने एक मजबूत और व्यापक डेटा प्रबंधन प्रणाली स्थापित करने की भी वकालत की जो देश की अर्थव्यवस्था पर रक्षा व्यय के प्रभाव पर सरकार को विश्लेषणात्मक रिपोर्ट देती है, जैसे कि राजस्व सृजन और रोजगार सृजन में रक्षा विक्रेताओं का योगदान। उन्होंने कहा कि यह एक समग्र नीति व्यवस्था स्थापित करने में मददगार साबित होगी, जिससे ‘संपूर्ण सरकार दृष्टिकोण’ की भावना विकसित होगी।
श्री सिंह ने डीएडी को अपनी सोच में नवोन्वेषी बने रहने और रक्षा लेखांकन और वित्तीय प्रबंधन में नयी चीजें तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक व्यक्ति को ‘2047 तक विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने में योगदान देना होगा।
रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों, भारतीय तट रक्षक और सीमा सड़क संगठन सहित रक्षा मंत्रालय के संगठनों के विशाल नेटवर्क की जिम्मेदारी संभालने में डीएडी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “मंत्रालय से 50 लाख से अधिक कर्मचारी जुड़े हुए हैं और इसका बजट कई छोटे देशों की जीडीपी से भी बड़ा है। डीएडी एक कड़ी है जो सशस्त्र बलों की सभी इकाइयों और नागरिक संगठनों को जोड़ती है। चाहे वह आत्मनिर्भरता का हमारा संकल्प हो, एमएसएमई और स्टार्ट-अप की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के प्रयास या तीनों सेवाओं से संबंधित मुद्दे, ये सभी अलग-अलग आयाम, ये सभी अलग-अलग आयाम अंततः डीएडी के पास आते हैं ।”
रक्षा मंत्री ने प्रमुख विभाग परियोजनाओं को लागू करने में अनुकरणीय पहल के लिए दो टीमों को उत्कृष्टता के लिए रक्षा मंत्री पुरस्कार भी प्रदान किए। पीसीडीए (पेंशन) प्रयागराज की टीम को‘ शिकायतों के निवारण में मील का पत्थर हासिल करने’ के लिए और पीआईएफए (वायु सेना) नयी दिल्ली की टीम को ‘स्वचालित पुनःपूर्ति प्रणाली (एआरएस) पैमाना विश्लेषण’ के लिए पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने , सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) सुगाता घोष दस्तीदार, रक्षा लेखा महानियंत्रक देविका रघुवंशी और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
संजीव
वार्ता