नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (वार्ता) घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के लाभ के लिये निवेशकों से आवेदन आमंत्रित करने के तीसरे दौर में ह्वाइट गुड्स (एसी और एलईडी जैसे घरों में काम आने वाले बिजली के यंत्रों)
के विनिर्माण के लिये 38 कंपनियों ने आवेदन किये हैं, जिनमें कुल 4,121 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के संयुक्त सचिव संजीव सिंह ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
सात अप्रैल 2021 को शुरू की गयी पीएलआई योजना के अंतर्गत विभिन्न विनिर्माण उद्योगों में इस योजना के लाभ के लिये आवेदन के तीन दौर हो चुके हैं। आवेदन का तीसरा दौर 15 जुलाई से 12 अक्टूबर, 2024 तक खुला था।
श्री सिंह ने बताया कि तीसरे दौर में आवेदन करने वाली कंपनियों में डाइकिन , वोल्टास और ब्लूस्टार जैसी बड़ी विनिर्माता कंपनियों ने भी आवेदन किये हैं। तीसरे दौर में 43 प्रतिशत आवेदक लघु और मझोले उद्यम क्षेत्र से हैं। संयुक्त सचिव ने कहा, “ यह एमएसएमई क्षेत्र के साहस का परिचायक है जो एसी और एलईडी मूल्य-वर्धन श्रृंखला में योगदान देने के लिये तैयार हैं। ”
डीपीआईआईटी की ओर से मीडिया को दी गयी प्रस्तुति में कहा गया है कि कि अगले तीन वर्षों (2028-29 तक) में 38 कंपनियों द्वारा एसी और एलईडी लाइटों के लिए लगभग 55,877 करोड़ रुपये का उत्पादन हासिल करने और 47,851 लोगों के लिये प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने की उम्मीद है।
डीपीआईआईटी का अनुमान है कि एसी और एलईडी लाइट्स विनिर्माण उद्योग में पीएलआई योजना के तहत कुल निवेशक 11,083 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है जिससे 80,500 तक रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
आवेदन के लिये जुलाई में खुले तीसरे दौर में एयर कंडीशनर (एसी) और एलईडी लाइट्स के लिए 6,238 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव है। श्री सिंह ने बताया कि तीसरे दौर के आवेदकों में से 20 एसी के लिये और 18 एलईडी लाइट्स जिन्हें कुल मिलाकर क्रमश: 3,679 करोड़ रुपये और 442 करोड़ रुपये के लाभ दिये जा सकते हैं।
पीएलआई योजना में सरकार पांच वर्ष तक उत्पादन मूल्य के छह प्रतिशत से पांच प्रतिशत तक प्रोत्सहन राशि देती है।
व्हाइट गुड्स पीएलआई के तहत तीसरे दौर के आवेदकों में आठ ऐसी कंपनियां भी हैं, जो वर्तमान में इस योजना के तहत काम कर रही हैं। इन इकाइयों ने 1285 करोड़ का शुद्ध अतिरिक्त निवेश करने की प्रतिबद्धता जतायी है। बाकी 30 नये निवेशकों ने कुल 2836 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव किया है।
डीपीआईआईटी सचिव ने कहा कि इस योजना से विनिर्माण के विभिन्न क्षेत्रों में मूल्य संवर्धन 25 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 50 प्रतिशत तक पहुंच चुका है और आने वाले समय में यह 80 प्रतिशत तक जा सकता है। यानी पीएलआई के तहत प्रोत्साहित की जा रहे सामानों में 80 प्रतिशत हिस्से पुर्जे भारत में ही बनने लगेंगे।
निवेश का दायरा ओडिशा और जम्मू-कश्मीर तक पहुंच गया है और इस तरह अब 16 की जगह 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में इसका विस्तार हो गया है। इन राज्यों में 49 नयी जगहों पर विनिर्माण कार्य प्रस्तावित है। इस तरह इन राज्यों में पीएलआई योजना के तहत स्वीकृत इकायां इन राज्यों के 54 जिलों में 174 जगह तक फैली हैं।
व्हाइट गुड पीएलआई के तहत नोएडा-ग्रेटर नोएडा, औरंगाबाद-पुणे, साणंद, श्री सिटी (आंध्र प्रदेश) जैसे औद्योगिक संकुलों से अच्छी संख्या में निवेशक आगे आये हैं। श्रीसिटी में एस बनाने वाली 12 और एसी के कल पुर्जे बनाने वाली 12 इकाइयां हैं।
सरकार ने 2022-23 में लाभार्थी फर्मों को 80 करोड़ रुपये वितरित किये।
मनोहर.श्रवण
वार्ता