राज्य » राजस्थानPosted at: Apr 21 2019 2:15PM राजस्थान में चालीस प्रतिशत बचे मोर-जाजू
भीलवाड़ा 21 अप्रैल (वार्ता) वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण संस्था पीपुल फॉर एनीमल्स के राजस्थान प्रभारी बाबू लाल जाजू ने सरकारी कारिंदों पर राष्ट्रीय पक्षी मोर की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में प्रतिदिन दस मोरों की हत्या हो रही है, जिससे अब चालीस प्रतिशत मोर ही बचे हैं।
श्री जाजू ने हाल में शिकारियों द्वारा जहरीला दाना डालकर नागौर जिले के रोल थाना के पीतासीया गांव में चार मोरों तथा बूंदी जिले के सहण गांव में दस मोरों की हत्या कर देने के मामले सामने आने के बाद आज अपने बयान में कहा कि पुलिस एवं वन विभाग की लापरवाही एवं ढिलाई के चलते राष्ट्रीय पक्षी मोरों की हत्या की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि इससे अब राज्य में करीब चालीस प्रतिशत मोर ही बचे है।
उन्होंने बताया कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं में सात वर्ष तक की सजा एवं पांच लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान के साथ मोर की हत्या का अपराध गैर जमानती है लेकिन सरकारी कारिन्दों की अनदेखी के चलते मोरों के हत्यारों की न तो गिरफ्तारी होती है न ही नियमानुसार सजा दिलाई जाती है। इसके चलते प्रदेश में मोरों की हत्या का सिलसिला जारी है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने पिछले दिनों मोरों की गिनती की, लेकिन उसमें मोरों के सही आंकड़े नहीं बताये गये। श्री जाजू ने बताया कि हाल में नागौर एवं बूंदी जिले में शिकारियों द्वारा मोरों की हत्या के मामले में उन्होंने पुलिस अधीक्षक नागौर एवं पुलिस अधीक्षक बूंदी को रजिस्टर्ड एवं ई-मेल से एफआईआर दर्ज कराई है।