जयपुर, 25 मई,(वार्ता) उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा चलाई गई करीब सौ श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों से अब तक एक लाख अड़तीस हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा गया है।
रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ये सभी श्रमिक रोजगार के लिए राजस्थान आए हुए थे और कोरोना की वजह से घोषित लॉकडाउन में फंसे हुए थे। इन रेलगाड़ियों से केवल उन्हीं प्रवासी मजदूरों को भेजा गया जो राज्य सरकार की ओर से चिह्नित किए गए थे। अब तक अन्य राज्यों से 37 श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों से 42 हजार प्रवासी मजदूर राजस्थान लौटे है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के विभिन्न मंडलों से जो रेलगाड़ियां संचालित की गईं उनमें बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और आँध्र प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को भेजा गया। इन सभी रेलगाड़ियों में यात्रियों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए पुख़्ता इंतज़ाम किए गए। लंबी दूरी की गाड़ियों में यात्रियों के लिए भोजन और पानी का निःशुल्क बंदोबस्त किया गया। रेलगाड़ियों में चढ़ने से पहले प्रत्येक यात्री की स्क्रीनिंग की गई। श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों के संचालन में राजस्थान सरकार का सक्रिय सहयोग रहा। राज्य सरकार की माँग के अनुरूप इन रेलगाड़ियों का संचालन किया गया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया गया।
उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां चलायी जा रहीं है उनमें जयपुर से गोरखपुर, जयपुर से पूर्णिया, जोधपुर से पूर्णिया, बीकानेर से पूर्णिया, हनुमानगढ़ से पूर्णिया, सीकर से बेंगूसराय और उदयपुर से गोरखपुर शामिल है। अब तक अन्य राज्यों से 37 श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां उत्तर पश्चिम जोन में आ चुकी हैं, जिनमें 42 हजार प्रवासी मजदूर राजस्थान लौटे है। सोमवार को भी दो श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां राजस्थान पहुंची। ये गाडियाँ महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल से आयीं हैं। अगर राज्य सरकार मांग करेगी तो रेलवे की ओर से और श्रमिक स्पेशल गाड़ियों का संचालन किया जाएगा।
जोरा
वार्ता