लखनऊ, 05 नवम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के फसल अवशेष जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए निरन्तर प्रयासरत है और इस साल 46.9 प्रतिशत की कमी आयी है।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष को जलाये जाने से रोकने के लिये कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन के साथ स्ट्राॅ रीपर विद बाइंडर का प्रयोग करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही फसल अवशेष जलाये जाने पर 2500 रूपये से लेकर 15000 रूपये तक का अर्थदण्ड लगाये जाने और पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध एफआईआर भी दर्ज कराये जाने का प्राविधान किया गया है।
शाही ने मंगलवार को यहां बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर अब तक कुल 586 किसानों को नोटिस जारी की गयी हैं, जबकि 166 किसानों के विरूद्ध एफआईआर एवं 185 किसानों पर 4,75,000 रूपये का जुर्माना लगाया गया है। अभी तक 50 किसानों से 1,30,500 रूपये की वसूली की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा जारी निर्देशों के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में एक लेखपाल को निलम्बित किया गया है और एक लेखपाल के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की गयी है, जबकि 07 लेखपालों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों का ही परिणाम है कि आईसीएआर से प्राप्त रिमोट सेंसिंग की रिपोर्ट 01 नवम्बर के अनुसार उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष की तुलना में 46.9 प्रतिशत की कमी आयी है। जहां तक दिल्ली में हो रहे प्रदूषण का प्रश्न है, इस सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं के कारण नहीं है, क्योंकि एनसीआर जिलों में पराली जलाने की घटनाये नगण्य हैं।
त्यागी
जारी वार्ता