राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jul 14 2019 2:52PM उत्तर प्रदेश में जन सूचना अधिकार के 50 हजार मुकदमे लंबित : सिंह
<p><p>जौनपुर , 14 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के जन सूचना आयुक्त सुभाष सिंह ने रविवार को कहा कि राज्य में जन सूचना अधिकार के करीब 50 हज़ार मुक़दमें लंबित हैं। <br /> श्री सिंह ने यहां यूनीवार्ता से कहा कि लंबित मुकदमों की सुनवाई के लिए प्रतिदिन कम से कम 50 मुकदमों की दैनिक सुनवाई होती है। मुकदमों की सुनवाई के दौरान इस बात का पूरा ख़्याल रखा जाता है कि वादी को सूचना उपलब्ध करवाकर मामले का गुणवत्तायुक्त निस्तारण किया जा सके। उन्होंने कहा कि एक माह में 18-20 दिन मुकदमों की सुनवाई होती है।<br /> उन्होंंने कहा कि मुकदमों की भरमार होने के कारण यह ध्यान रखा जाता है कि आयोग न्यायपूर्वक सही सूचना उपलब्ध करवाए । यदि कोई सूचना देने में हीलाहवाली करता है तो उसके लिए दंड का प्रावधान भी है। जो मुकदमे लंबे समय से उनके लिए तारीख जल्द तय की जाती है । मानवाधिकारों के विशेष मामलों में 48 घंटो के भीतर सुनवाई होती है। सूचना आयुक्त द्वारा यह भी बताया गया कि प्रथम अपील के बाद भी सूचना या भ्रामक सूचना देने पर वाद द्वारा दोबारा सूचना मांगी जा सकती है। प्रथम अपील के अंतर्गत 30 दिनों के भीतर सूचना उपलब्ध कराना अनिवार्य है।<br /> सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 एक क्रान्तिकारी एक्ट है। इस अधिनियम ने जन सामान्य को मजबूत बनाया जिसके कारण शासन की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता आयी है, साथ ही अधिनियम का उद्देश्य सम्बंधित की जबाबदेही भी सुनिश्चित करता है। <br /> उन्होंने कहा कि उप्र सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 एवं उप्र सूचना का अधिकार नियमावली-2015 के प्रभावी क्रियान्वयन से लोगो में यह जागरुकता आयी है। उन्होने कहा कि सभी संबंधित जन सूचना अधिकारी व प्रथम अपीली अधिकारी किसी भी आवेदन को बेवजह लम्बित न रखे और उसका निस्तारण नियमों के आधार पर नियत समय में करें, जिससे उन्हे दण्ड का भागी न होना पडें।<br /> सं प्रदीप<br /> वार्ता</p></p>