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इजरायल के सहयोग से 50 गांव बनेंगे विलेज अॉफ एक्सीलेंस

इजरायल के सहयोग से 50 गांव बनेंगे विलेज अॉफ एक्सीलेंस

नयी दिल्ली, 06 सितंबर (वार्ता) भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी के तहत कृषि क्षेत्र में सहयोग के तहत बनाये गये 28 ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के आसपास के पचास गांवों को ‘विलेज ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जाएगा जहां कृषि, सिंचाई एवं ग्रामीण विकास के लिए इजरायली तकनीक से इलाके की तस्वीर बदली जाएगी।

भारत में इजरायल के राजदूत रोन मलका ने शुक्रवार को यहां विदेशी मामलों को कवर करने वाले पत्रकारों के संघ (आईएएफएसी) के साथ संवाद के एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। उन्हाेंने यह भी बताया कि इजरायल सरकार का जल विभाग महाराष्ट्र में पानी के संकट को सदा के लिए करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रहा है।

श्री मलका ने कहा कि भारत एवं इजरायल के बीच संबंध भविष्य में दोनों देशों के लिए वरदान साबित होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि भारत एवं इजरायल के बीच साझेदारी आर्थिक क्षेत्र में भी तेजी से बढ़ रही है। हम चाहते हैं कि दोनों देशों के कारोबारी संस्थानों के बीच अधिकाधिक साझेदारी हो। उन्होंने दोनों देशों के वित्तीय बाज़ारों और वित्तीय नियामकों के बीच भी साझेदारी की वकालत की और कहा कि तेल अवीव एवं मुंबई में शेयर बाजारों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों तथा दोनों केन्द्रीय बैंकों के गवर्नरों के बीच संपर्क एवं तालमेल होना चाहिए।

एक सवाल के जवाब में श्री मलका ने कहा कि रणनीतिक साझेदारी एक व्यापक टर्म है। कृषि क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी के तहत भारत के 28 स्थानों पर 28 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये गये हैं और उनमें लगभग एक लाख 47 हज़ार किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के साथ मिल कर अब प्रत्येक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के आसपास के पचास विलेज आॅफ एक्सीलेंस तैयार किये जाएंगे। इन गांवों को और उनके खेतों को पानी के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। खेतों में फसलों के विविधीकरण से लेकर गांवाें के विकास में इजरायली तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इजरायल के विशेषज्ञों ने हाल ही में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित जल संकट के बारे में तीन कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है। इसमें करीब 1200 विशेषज्ञों ने देश के 256 सूखाग्रस्त जिलों में पानी के संकट के समाधान के बारे में विचार मंथन किया। उन्होंने कहा कि इजरायल भारत को अपनी तकनीक एवं अनुभव साझा कर रहा है जिससे भारत भी अपने संकटों से निजात पा सके।

महाराष्ट्र में मुंबई में बेतहाशा बारिश तथा राज्य के अन्य भाग में सूखे की समस्या के बारे में जिक्र किये जाने पर उन्होंने कहा कि मुंबई स्थित इजरायली महावाणिज्य दूतावास के समन्वय से महाराष्ट्र में पानी की समस्या को लेकर इजरायल सरकार का जल विभाग एक व्यापक कार्यक्रम तैयार कर रहा है। इससे राज्य में पानी के संकट का प्रभावी समाधान हो सकेगा।

इजरायली प्रधानमंत्री बेजांमिन नेतन्याहू की भारत यात्रा रद्द होने के बारे में पूछे जाने पर श्री मलका ने कहा कि श्री नेतन्याहू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुलाकात इजरायल के चुनाव के बाद होगी। उन्होंने कहा कि भारत इजरायल के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण मित्रों में से एक है। दोनों नेता भी गहरे मित्र हैं। श्री नेतन्याहू की अतिव्यस्तता के कारण यह यात्रा फिलहाल नहीं हो पा रही है। चुनाव के बाद दोनों नेता मिलेंगे।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भारत से करीब एक लाख यहूदी लोग को इजरायल चले गये हैं। वे भारत से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटाये जाने के बारे में इजरायली राजदूत ने कहा कि यह भारत के संविधान के भीतर का बदलाव है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और वह कानून एवं संविधान का सम्मान करता है। उन्हें विश्वास है कि भारत इस मामले का शांतिपूर्ण समाधान खोज लेगा।

आतंकवाद को लेकर उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को आतंकवाद का एकजुट होकर मुकाबला करना होगा। आतंंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को इजरायली सहयोग के बारे में उन्होंने सवालों का जवाब नहीं दिया।

सचिन.श्रवण

वार्ता

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