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गुजरात में विधायकों के वेतन में 65 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, पक्ष-विपक्ष ने सर्वसम्मति से कराया विधेयक पारित

गुजरात में विधायकों के वेतन में 65 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, पक्ष-विपक्ष ने सर्वसम्मति से कराया विधेयक पारित

गांधीनगर, 19 सितंबर (वार्ता) गुजरात में पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी तथा किसानों की कर्ज माफी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी घमासान के बीच विधानसभा में आज सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित कर सभी विधायकों के वेतन में करीब 65 प्रतिशत की भारी भरकम बढ़ोत्तरी कर दी गयी।

182 सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़ भाजपा (99 विधायक) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस (77) के अलावा अन्य लगभग सभी विधायकों ने इसका स्वागत किया। हालांकि कांग्रेस के एक विधायक सावरकुंडला के प्रताप दुधात ने किसानों की कर्ज माफी अथवा ब्याज रियायत या अन्य कोई रियायत सरकार की ओर से बतौर उपहार नहीं दिये जाने तक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं लेने की घोषणा की। उन्होंने हालांकि इसे अपना व्यक्तिगत निर्णय करार दिया।

यह विधेयक विधायी कार्य राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने पेश किया। इसके तहत विधायकों के मूल वेतन को 56100 रूपये से बढ़ा कर 78800 रूपये, व्यक्तिगत सहायक के भत्ते को तीन हजार से बढ़ा कर 20000, टेलीफोन भत्ता 4000 से बढ़ा कर 7000 रूपये कर दिया गया है। इसके तहत विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री और ऐसा ही दर्जा प्राप्त नेता विपक्ष आदि को आम विधायक की तुलना में करीब 25 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। पिछली बार गुजरात के विधायकों का वेतन 2005 में बढ़ाया गया था। मौजूदा वेतनवृद्धि दिसंबर 2017 में इस विधानसभा के गठन की पूर्व तिथि से प्रभावी होगी और इसके लिए विधायकों को एरियर की राशि भी मिलेगी। एक विधायक का वेतन 70727 रूपये से बढ़ कर 116316 रूपये हो गया है।

मजेदार बात यह रही कि मात्र दो दिनों के लिए आहूत सदन के मानसून सत्र के दूसरे और अंतिम दिन की कार्यसूची में इस विधेयक का उल्लेख नहीं था पर इसे अंतिम समय में जोड़ कर आननफानन में सदन मे पेश किया गया और सत्ता पक्ष तथा पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी के खिलाफ सरकार के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खोलने वाले विपक्ष ने एक स्वर में इसका समर्थन किया।

गृह राज्य मंत्री तथा विधायी कार्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने कहा कि गुजरात में विधायकों का वेतन कई अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम था। उत्तराखंड में यह 2.91 लाख, तेलंगाना में 2.50 लाख, झारखंड में 2.25 लाख, हिमाचल प्रदेश में 2.10 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.95 लाख, हरियाणा में 1.63 लाख, जम्मू-कश्मीर में 1.60 लाख , दिल्ली में 1.34 लाख, असम और राजस्थान में 1.30 लाख जबकि पंजाब में 1.15 लाख है।

भाजपा के विधायक मधु श्रीवास्तव ने कहा कि यह वृद्धि इसलिए स्वागतयोग्य है क्योंकि विधायक को कई तरह के जरूरी खर्चे करने पड़ते हैं। कांग्रेस विधायक ललित वसोया ने भी इसका स्वागत करते हुए कहा कि उनके हिसाब से विधायकों का वेतन और बढ़ता तो अच्छा होता क्योंकि वह इसके जरिये अपने क्षेत्र के जरूरतमंदों की बेहतर सेवा कर पाते।

रजनीश

वार्ता

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