Saturday, Apr 20 2024 | Time 04:43 Hrs(IST)
image
राज्य » बिहार / झारखण्ड


झारखंड में 715 उग्रवादी हुए गिरफ्तार,18 उग्रवादी मारे गए और 27 उग्रवादियों ने किया सरेंडर :हेमन्त सोरेन

झारखंड में 715 उग्रवादी हुए गिरफ्तार,18 उग्रवादी मारे गए और 27 उग्रवादियों ने किया सरेंडर :हेमन्त सोरेन

नई दिल्ली/रांची, 26 सितंबर (वार्ता) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ष 2016 में 195 उग्रवादी घटनाएं हुई थीं और यह संख्या वर्ष 2020 में घटकर 125 रह गयी है।

मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने रविवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में "वामपंथी उग्रवाद" पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि

वर्ष 2016 में उग्रवादियों द्वारा 61 आम नागरिकों की हत्या की गयी थी, वर्ष 2020 में यह संख्या 28 रही। इस अवधि में कुल 715 उग्रवादी गिरफ्तारी हुए। उक्त अवधि में पुलिस मुठभेड़ में 18 उग्रवादियों को मार गिराया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवादी संगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। इन अभियानों के फलस्वरूप राज्य में उग्रवादियों की उपस्थिति मुख्य रूप से पारसनाथ पहाड़, बूढ़ा पहाड़, सरायकेला, खूंटी, चाईबासा, कोल्हान क्षेत्र तथा बिहार सीमा के कुछ इलाके तक सीमित रह गई है। वह दिन दूर नहीं जब इन स्थानों से भी वामपंथी उग्रवाद का सफाया किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2020 तथा 2021 के अगस्त तक 27 उग्रवादियों द्वारा आत्मसमर्पण भी किया गया है। राज्य की आकर्षक आत्मसमर्पण नीति का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। कम्युनिटी पुलिसिंग के द्वारा भटके युवाओं को मुख्य धारा में वापस लाने का प्रयास हो रहा है। राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं के लिए 'सहाय' योजना लेकर आ रही है, जिसके अन्तर्गत इन क्षेत्रों में विभिन्न खेलों के माध्यम से युवाओं और अन्य लोगों को जोड़ा जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद की समस्या केन्द्र तथा राज्य सरकार दोनों के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसी परिस्थिति में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति के बदले भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों से राशि की मांग करना व्यवहारिक प्रतीत नहीं होता है। इस मद में झारखण्ड के विरुद्ध अबतक 10 हजार करोड़ रुपये का बिल गृह मंत्रालय द्वारा दिया गया है। मेरा अनुरोध होगा कि इन बिलों को खारिज करते हुए भविष्य में इस तरह का बिल राज्य सरकारों को नहीं भेजने का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा समय-समय पर उग्रवाद के उन्मूलन हेतु कई योजनाएं लागू की गयी हैं। इन योजनाओं से विशेष लाभ भी मिला है, परन्तु ऐसा देखा गया है कि कुछ जिलों के लिए इन योजनाओं को अचानक बंद कर दिया गया, जिससे उग्रवाद उन्मूलन की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को आघात पहुंचता है। अचानक इन योजनाओं को बंद कर देने से उग्रवाद को पुनः पैर पसारने का मौका मिल सकता है। इसी संदर्भ में विशेष केंद्रीय सहायता

के तहत् प्रति जिला 33 करोड़ रुपये की राशि भारत सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। प्रारम्भ में यह योजना 16 जिलों के लिए स्वीकृत की गयी थी, परन्तु इस वर्ष यह योजना मात्र 08 जिलों के लिए जारी रखी गयी है। इसी प्रकार एसआरई योजना से कोडरमा, रामगढ़ तथा सिमडेगा को बाहर कर दिया गया है। अतएव मेरा अनुरोध होगा कि दोनों योजनाओं को सभी नक्सल प्रभावित जिलों के लिए अगले पांच वर्षों तक जारी रखा जाय।

विनय

जारी वार्ता

More News
बिहार: 48.23 प्रतिशत मतदाताओं ने 38 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में किया लॉक

बिहार: 48.23 प्रतिशत मतदाताओं ने 38 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में किया लॉक

19 Apr 2024 | 9:10 PM

पटना 19 अप्रैल (वार्ता) बिहार में प्रथम चरण की चार लोकसभा सीट गया (सु), औरंगाबाद, नवादा और जमुई (सु) में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए मतदान में लगभग 48.23 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट कर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी समेत 38 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में लॉक कर दिया।

see more..
image