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उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75 प्रश. नौकरियां देने पर सरकार में फंसा पेच

उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75 प्रश. नौकरियां देने पर सरकार में फंसा पेच

चंडीगढ़, 01 फरवरी(वार्ता) इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) के वरिष्ठ नेता और ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के युवाओं को 75 प्रतिशत नौकरियां देने को लेकर सहमति न बन पाने को लेकर गठबंधन सरकार पर तंज कसते हुये कहा है कि इससे साबित हो गया है कि यह दो दिलों का नहीं बल्कि दो दलों का मेल है।

श्री चौटाला ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और जननायक जनता पार्टी(जजपा) गठबंधन सरकार के 100 दिन पूरे होने के बावजूद दोनों दलों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम नहीं बन पाया है जो यह दर्शाता है कि यह सरकार ‘कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा’साबित हुई है। उन्होंने कहा कि यह तो दोनों दलों का आम आदमी को भ्रमित करने का प्रयास है क्योंकि यह तो पहले ही नियमों में प्रस्तावित है कि राज्य के उद्योगों में 75 फीसदी अकुशल पदों पर हरियाणा के युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। अब राज्य के युवाओं को चपरासी/ चौकीदार आदि पदों पर ही नियुक्त किया जाता है। इसलिए प्राथमिकता इस बात की है कि राज्य के युवाओं को उद्योगों में उन कुशल पदों पर रोजगार दिया जाए, जिन पर ज़्यादातर बाहरी लोगों को रखा जाता है। उद्योगों में कुशल युवाओं की आवश्यकता पूरी करने के लिए राज्य सरकार युवाओं को स्किल इंडिया प्रोग्राम के तहत मदद कर सकती है।

इनेलो नेता ने कहा कि सरकार की सहयोगी जजपा ने चुनावी वादों में राज्य के युवाओं को पहली कलम से उद्योगों में 75 फीसदी रोजगार देने का वादा किया था लेकिन अभी तक तो सरकार यह फैसला ही नहीं कर सकी कि कुशल पदों पर रोजगार देने के लिए नियमों में कब बदलाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जजपा बेरोजगार युवाओं को 11000 हजार प्रति माह भत्ता देने की बात अभी से ही भूल गई है। पहली कलम से युवाओं को भत्ता देने के बजाय सरकार अपने भत्तों में बढ़ौतरी करना नहीं भूली। उद्योगों में राज्य के युवाओं के लिये 75 फीसदी नौकरियों को लेकर नियमों में संशोधन करने के लिए उद्योगपतियों से मश्विरा करने सम्बंधी जजपा नेताओं के बयानों पर इनेलो नेता ने कहा कि यह सब युवाओं और प्रदेश की जनता को केवल मात्र भ्रमित करने और चुनाव संकल्प पत्र के वादों को टालने का कुप्रयास है। उन्होंने मांग की कि जब तक सरकार 75 फीसदी कुशल/अकुशल युवाओं को रोजगार देने का वादा पूरा नहीं करती तब तक वह वादे के अनुसार बेरोजगारों को ग्यारह हजार रुपए प्रति माह रोजगार भत्ता देना सुनिश्चित करे।

रमेश1517वार्ता

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