राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jan 3 2020 9:45PM उच्च शिक्षा विभाग के 80 प्रतिशत वचन पूर्ण किए - जीतू
भोपाल, 03 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने आज दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस के वचनपत्र में शामिल उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित लगभग 80 प्रतिशत वचनों को पूर्ण किया गया है।
श्री पटवारी ने यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात कही। हालाकि वे यह नहीं बता पाए कि विधानसभा चुनाव के पहले जारी किए गए कांग्रेस के वचनपत्र में उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित कितने वचन दिए गए हैं।
एक वर्ष पुरानी कांग्रेस सरकार के मंत्री श्री पटवारी ने बताया कि वचन पत्र में खेल एवं युवा कल्याण विभाग से संबंधित नौ वचन दिए गए हैं। इनमें से चार पर कार्रवाई कर दी गयी है और शेष में कार्रवाई जारी है।
एक अन्य सवाल के जवाब में श्री पटवारी ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि आगामी समय में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के बजट में कोई कमी नहीं हो। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि इस राज्य के खिलाड़ी खेल के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें और इसके लिए योजनाएं भी बनायी गयी हैं। योजनाओं पर अमल के लिए कोशिश की जाएगी कि बजट में कमी नहीं हो।
एक अन्य सवाल के जवाब में श्री पटवारी ने स्वीकार करते हुए कहा कि नयी सरकार के गठन के बाद खेल एवं युवा कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें आयी थीं। इन मामलों में के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने एक समिति बनायी है। इन मामलों की जांच की जा रही है और समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
श्री पटवारी ने एक अन्य सवाल के जवाब में दोहराया कि राज्य के महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य में रत 'अतिथि विद्वानों' को नहीं हटाया जाएगा। लेकिन विभाग को नियमितीकरण की प्रक्रिया अपनाने में कुछ कदम उठाने पड़ते हैं। इस मामले में भी यही किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार की नीयत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार और विद्यार्थियों के हितों की है।
श्री पटवारी ने कहा कि सरकार ने महाविद्यालयों में प्राचार्यों के पद भरने का भी निर्णय लिया है। इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। अभी अधिकांश महाविद्यालयों में प्रभारी प्राचार्य पदस्थ हैं।
श्री पटवारी ने यह पत्रकार वार्ता वर्ष 2020 के लिए उनके विभागों की ओर से तय किए गए 20 सूत्रीय कार्यों के बारे में जानकारी देने के लिए बुलायी थी।
प्रशांत
वार्ता