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80 फीसदी लोगों को गंभीर बीमारियां में होने वाले व्यय की जानकारी नहीं

80 फीसदी लोगों को गंभीर बीमारियां में होने वाले व्यय की जानकारी नहीं

नयी दिल्ली 20 फरवरी (वार्ता) देश में जीवन बीमा को लेकर में आ रही जागरूकता के बीच 80 फीसदी शहरी लोगों को गंभीर बीमारियों में होने वाले व्यय के बारे में जानकारी नहीं है और स्मार्टफोन एवं ऑनलाइन उपलब्धता के बावजूद अधिकांश लोग अभी भी एजेंट से ही पॉलिसी लेने को प्राथमिकता देते हैं।

जीवन बीमा क्षेत्र की कंपनी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने बुधवार को यहां इस संबंध में ‘इंडिया प्रोटेक्शन क्वोशंट’ (आईपीक्यू)का पहला संस्करण जारी किया। मैक्स लाइफ और कांतार आईएमआरबी द्वारा देश के 15 प्रमुख बड़े शहरों दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई , लुधियाना, जयपुर, लखनऊ, पटना, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, भोपाल और पुणे में किये गये इस सर्वेक्षण में 4,566 लोग शामिल हुये।

इसमें प्राथमिक तौर पर विभिन्न जीवन बीमा उत्पादों के बारे में जानकारी और मालिकाना हक के स्तर, टर्म इंश्योरेंस की पसंद और पहुंच के स्तर, जीवन बीमा की खरीद के शुरूआती कारक और कारण, पॉलिसी खरीदने के पसंदीदा माध्यम, जीवन बीमा पॉलिसी लेने में आने वाली बाधाएं आदि के बारे में पूछा गया था।

मैक्स लाइफ के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत त्रिपाठी ने इस सर्वेक्षण रिपोर्ट को जारी किया। इसमें कहा गया है कि दो तिहाई शहरी लोगों के पास जीवन बीमा पॉलिसी है लेकिन उनमें से सिर्फ 20 फीसदी लोगों ने टर्म इंश्योरेंस प्लान लिया है और करीब 53 फीसदी लोग टर्म इंश्योरेंस एवं उसके लाभ के बारे में जानते भी नहीं हैं। इसमें शामिल 65 फीसदी लोगों के पास जीवन बीमा पॉलिसी थी जबकि टर्म इंश्योरेंस लेने वालों की संख्या सिर्फ 21 फीसदी थी। टर्म इंश्योरेंस करा चुके करीब 57 फीसदी लोगों को अपनी पॉलिसी के तहत मिलने वाली गारंटीड राशि की कोई जानकारी नहीं थी। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में जीवन बीमा और टर्म इंश्योरेंस प्लान लेने की प्रवृत्ति कम देखी गयी है। 59 फीसदी महिलाओं की जीवन बीमा पॉलिसियां हैं और उनमें से 19 प्रतिशत महिलाओं के पास टर्म इंश्योरेंस प्लान है।

इसमें शामिल 13 प्रतिशत लोगों का कहना था कि उनकी सुरक्षा के लिए भगवान है जबकि 14 फीसदी ने कहा कि टर्म इंश्योरेंस प्लान से व्यक्तिगत तौर पर उनको कोई लाभ नहीं होने वाला क्योंकि इसका लाभ उनके परिवार को मिलेगा। इसमें शामिल 17 फीसदी लोग आकस्मिक मृत्यु के बारे में सोचते ही नहीं हैं।

रिपोर्ट के अनुसार युवा और अमीर वित्तीय सुरक्षा और सेवानिवृत्ति की तुलना में यात्रा और लक्ज़री उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं। युवा सुरक्षा, सेवानिवृत्ति के लिए बचत या बच्चे की शादी के मुकाबले गाड़ी, घर खरीदने, छुट्टियों जैसे लक्ज़री चीजों पर अधिक खर्च करते हैं जबकि अमीर लोग अपना पैसा निवेश और बचत में लगाते हैं। सिर्फ 44 फीसदी युवा टर्म इंश्योरेंस के बारे में जानते हैं और 17 फीसदी युवाओं के पास टर्म इंश्योरेंस प्लान है। यह भी पाया गया कि 22 फीसदी युवा अन्य निवेश की वजह से जीवन बीमा के बारे में सोचते ही नहीं हैं।

शेखर अर्चना

जारी/ वार्ता

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