राज्य » अन्य राज्यPosted at: Sep 18 2020 10:41PM जनता से किए 85 फीसदी वायदे पूरे किए: त्रिवेंद्र
देहरादून, 18 सितम्बर(वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल में अपने 85 प्रतिशत वादे पूरे किए है।
आज यहां जारी वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये श्री रावत ने दावा किया कि जनता से किये 85 फीसदी वायदो को पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि महिला पौधालयों की स्थापना पर भी काम किया जा रहा है जिससे करीब 20 हजार महिलाओं को रोजगार मिलेगा। एक वैश्विक स्तर का साईंस काॅलेज और प्रदेश के पांच हजार स्कूलों में हिमालय इको क्लबों की स्थापना की कार्ययोजना भी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2017 से सितम्बर 2020 तक विभिन्न विभागों के अंतर्गत कुल 07 लाख 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वर्ष 2014 से 2017 तक कुल 08 परीक्षाएं आयोजित की गईं जिनमें 801 पदों पर चयन पूर्ण किया गया। जबकि वर्ष 2017 से 2020 तक कुल 59 परीक्षाएं आयोजित की गईं जिनमें 6000 पदों पर चयन पूर्ण किया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 7200 पदों पर अधियाचन/भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने कहर कि मनरेगा में प्रति वर्ष 6 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है। कोविड के दौरान इसमें अतिरिक्त रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 84 हजार अतिरिक्त परिवारों (2 लाख अतिरिक्त श्रमिकों) को रोजगार दिया गया है। युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई। एमएसएमई के तहत इसमें ऋण और अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसमें लगभग 150 प्रकार के काम शामिल किए गए हैं।
उन्होंने पिछले सादे तीन वर्ष उपलब्धियों की चर्चा करते हुये कहा कि गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया। उन्होंने कहा कि भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि अटल आयुष्मान योजना में राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रूपए वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य है। पर्वतीय राज्य की अवधारणा से बने उत्तराखण्ड में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया है। सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी भी दी जा चुकी है। बहुत से ग्रोथ सेंटर शुरू भी हो चुके हैं। हर गांव में बिजली पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि किसानों को तीन लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के गन्ना किसानों को अवशेष गन्ना मूल्य का शत प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित किया गया है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न योजनाओं का जिक्र किया।
सं राम
वार्ता