कन्नूर 05 जुलाई (वार्ता) केरल में थलास्सेरी अतिरिक्त जिला सत्र अदालत ने 2004 में कन्नूर सेंट्रल जेल के अंदर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) कार्यकर्ता के पी रवींद्रन की हत्या के मामले में शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौ कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने आजीवन कारावास की सजा देने के अलावा प्रत्येक कार्यकर्ता पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में कुल 31 लोग आरोपी थे जिनमें से 21 को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में एक अन्य आरोपी राकेश अभी भी फरार है।
न्यायाधीश पी एन विनोद ने पनूर के ए सी पवित्रन (49), त्रिशूर जिले के वैदेनप्पल्ली के फालघुनन (49), सेंट्रल पोयीलूर के के पी रघु (50) और टी सुनी (43), अरकीनर के सनल प्रसाद (45), कुठुपराम्बा के समीप स्थित नारावुर के पी के दिनेशन (48) और के अनिल कुमार (47), मोकेरी के के ससी (49) और कोझिकोड जिले के बालुसरी के पी वी अशेकन (48) को आजीवन कारावास की सजा दी है।
पांचवा आरोपी दिनेशन और आठवां आरोपी सुनीकुठुपराम्बा के एसएफआई नेता सुधीश की हत्या समेत अलग-अलग मामलों में कन्नूर सेंट्रल जेल में पहले से ही आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। अन्य सात आरोपियों को पहले भी जेल की सजा सुनाई गई थी जिसे पूरा कर लेने के बाद उन्हें कन्नूर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया था और अब उन्हें अदालत के इस आदेश के बाद फिर से कन्नूर सेंट्रल जेल में डाला गया है।
गौरतलब है कि छह अप्रैल 2004 को जेल के सातवें ब्लॉक के सामने राजनीतिक झगड़े की वजह से कैदियों के दो गुटों की झड़प के दौरान कोझिकोड जिले के वडाकारा के नजदीक स्थित कक्कट के निवासी के पी रवींद्रन (47) पर हमला किया गया था। उस समय के पी रवीन्द्रन एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की की सजा काट रहा था।
लाठियों और पत्थरों से किये गये हमले में रवींद्रन के सिर में गंभीर चोट लगी थी जिसके उस दिन बाद शाम को परियाराम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गयी थी।
आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं के हमले में राजू और राघेश नाम के दो अन्य माकपा कार्यकर्ता भी घायल हुए थे जो वर्तमान में जेल की सजा काट रहे हैं। राज्य में किसी जेल के अंदर यह पहली राजनीतिक हत्या का मामला था।
प्रियंका.श्रवण
वार्ता