डूंगरपुर 25 मई (वार्ता) वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के इस दौर में राजस्थान में डूंगरपुर जिले के पारडा चुंडावत क्वारेंटीन अनूठे नवाचारों की बदौलत एक रोल माॅडल के रूप में विकसित हुआ है।
इस क्वारेंटीन सेंटर पर भय नहीं आनंद है। नित नयें नवाचारों से यहां मौजूद लोगों को हर पल जीवन को एक नए उत्साह से जीने का तरीका सिखाया जा रहा है।
इस केन्द्र पर कभी उल्लास भरते गीत है तो कभी मन को शांत करने के लिए अध्यात्म। कभी म्यूजिक थेरेपी से भीतर की सकारात्मक उर्जा को जागृत किया जाता है तो कभी योग और ध्यान से मन को साधने की कला को सिखाया जा रहा है। इन नवाचारों का परिणाम है कि यहां रहने वाले लोगों के मन में कोरोना के लिए डर दूर हो चुका है।
क्वारेंटीन सेंटर पर रहने वालों की नींद अल सुबह छह बजे सुमुधुर भजनों के साथ खुलती है। दैनिक क्रिया करने के बाद योग की क्लासेस लगती है। योग कराते समय दो टीम होती है एक जो क्वारेंटीन सेंटर के बाहर खुले मैदान में तथा दूसरी क्वारेंटीन सेंटर के भीतर मौजूद लोग। भीतर मौजूद लोगों में से एक कमरे के भीतर के लोगों को लीड करते हुए दरवाजे के बीच खडा हो जाता है तथा बाहर मैदान में योग कर रहें लोगों को देखकर योग क्रियाएं संपादित करता है जिसे सेंटर के भीतर मौजूद सभी फॉलो करते है।
इस तरह पूर्ण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए योग करवाया जाता है। इसके बाद म्यूजिक पर एरोबिक्स कराया जाता है। उसके बाद पसंद का नाश्ता मिलता है। नहाने के बाद दोपहर का भोजन। इसके बाद आराम की नींद। सायं पांच बजे पसंद के फिल्मी गाने जिसमें किशोर कुमार, रफी, लता मंगेशकर आदि अन्य गायकों के गाने सम्मिलित है, उसके बाद शाम को भजन, आरती और देशभक्ति के गानों के साथ भोजन करते हैं।
इस क्वारेंटीन सेंटर पर आने वाले बच्चों के लिए भी चित्रकारी, अंताक्षरी के साथ ही अन्य गेम जैसे स्पेलिंग, पर्यायवाची, शब्द उच्चारण आदि के माध्यम से रोचकता दी जाती है। इसके कारण यहां पर रहने वाले बच्चों को हॉस्टल सा माहौल मिलता है।
रामसिंह
वार्ता