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विश्व धरोहर कालका शिमला ट्रैक के निजीकरण के विरोध में उतरी आप

विश्व धरोहर कालका शिमला ट्रैक के निजीकरण के विरोध में उतरी आप

शिमला, 15 फरवरी (वार्ता) हिमाचल प्रदेश आम आदमी पार्टी ने कहा है कि मोदी सरकार विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे ट्रैक का निजीकरण करने का प्रयास कर रही है ।

आप प्रवक्ता एसएस जोहटा ने आज यहां कहा कि आप इस मुहिम को लेकर फैसले का पुरजोर विरोध करती है और समय रहते मोदी सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए फिर से विचार करने का आग्रह किया । देश की जनता मोदी सरकार को कभी माफ नहीं करेगी और देश और प्रदेश की जनता के साथ मिलकर पार्टी इसका धुर विरोध भी करेगी।

श्री जोगटा ने कहा कि इस संदर्भ में सब लोगों से बात करके खासकर रेलवे कर्मचारियों की विभिन्न यूनियनें तथा उनके संगठनों से बात भी कर उनसे अनुरोध करेगी कि वे आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों से आगामी रणनीति को लेकर बात करें ।

उन्होंने मोदी सरकार से आग्रह किया की देश की जनता ने उन्हें सत्ता में इसलिए लाया गया था कि वो देश की जनता की भलाई के लिए काम करें और विकासात्मक कार्यों के साथ-साथ देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी पर काम करें। महंगाई कम करने का काम करें। गरीबों के हित में काम करें। उनके वादों के मुताबिक 15-15 लाख रुपयों को हर एक भारतीय के खाते में डालने की घोषणा की थी इत्यादि इत्यादि। तीन कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और किसानों के हित में एमएसपी का तुरंत प्रावधान किया जाए।

उल्लेखनीय है कि विश्व प्रसिद्द धरोहर कालका शिमला रेलवे ट्रैक को 10 जुलाई 2008 को यूएनइएसको की टीम ने विश्व धरोहर के रूप में दर्जा देकर इसकी घोषणा की थी। इस ट्रैक का नाम हिंदुस्तान रेलवे की लिस्ट ऑफ माउंटेंस की सूची में भी दर्ज है। कालका शिमला रेलवे ट्रैक का निर्माण तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य के चीफ इंजीनियर हैरिंगटन की देख रेख में 1898 में किया गया था। जिसे नवंबर 1903 में पूर्ण किया गया था। कालका से शिमला तक इसकी दूरी 96 किलोमीटर्स के आसपास है।

इस ट्रैक में 864 के लगभग छोटे मोटे पुल बने हैं और 103 सुरंगों का निर्माण भी किया किया गया है। कालका से शिमला तक इस ट्रैक में 18 सेक्शन आते हैं। इस ट्रैक को तत्कालीन ब्रिटिश शासकों द्वारा क्राउन आफ जवेल जैसी उपाधि देकर इसे सम्मान दिया गया है। इस ट्रक में भाप इंजन समेत, टॉय ट्रेन इत्यादि जिसमें देश और प्रदेश के ही नहीं बल्कि विदेशों के पर्यटक भी हिमाचल भ्रमण के लिए इसी ट्रैक से यात्रा करने को तवज्जो देते हैं। जिस कारण प्रदेश के पर्यटन को लेकर अगर बात की जाए तो रेलवे ट्रैक के इसी मार्ग से दूसरे आम यात्रियों के इलावा जितने भी पर्यटक प्रदेश में आए और आते हैं। उन्होंने प्रदेश की अपार वन संपदा और कुदरत द्वारा बक्शी गई अपार पर्यटक स्थलों को विश्व मानचित्र पर सराहने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी।

सं शर्मा

वार्ता

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