.पुण्यतिथि 29 जुलाई ..
मुंबई 28 जुलाई (वार्ता) बॉलीवुड में राजा मेहदी अली खान का नाम एक ऐसे गीतकार के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने प्रेम, विरह और देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत अपने गीतों से लगभग चार दशक तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
राजा मेहदी अली खान ने अपने गीतों में ‘आप’ शब्द का इस्तेमाल बहुत हीं खूबसूरती से किया है। इन गीतों में “आप यूं ही हमसे मिलते रहे देखिये एक दिन प्यार हो जायेगा”। “आपके पहलू में आकर रो दिये”, “आपकी नजरों ने समझा प्यार के काबिल” , “आपको राज छुपाने की बुरी आदत है” जैसे कई सुपरहिट गीत शामिल हैं।
करमाबाद शहर में एक जमींदार परिवार में पैदा हुए राजा मेंहदी अली खान चालीस के दशक में आकाशवाणी दिल्ली में काम करते थे। आकाशवाणी की नौकरी छोड़ने के बाद वह मुंबई आये और यहां अपने मित्र के प्रयास से उन्हें अशोक कुमार की फिल्म “एट डेज” में डॉयलाग लिखने का काम मिल गया। वर्ष 1945 में राजा मेंहदी अली खान की मुलाकात फिल्मीस्तान स्टूडियो के मालिक एस.मुखर्जी से हुयी। एस.मुखर्जी ने उनसे फिल्म ‘दो भाई’ के लिये गीत लिखने की पेशकश की। फिल्म दो भाई में अपने रचित गीत “मेरा सुंदर सपना बीत गया” की कामयाबी के बाद बतौर गीतकार राजा मेहदी अली खान फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गये।
देश के वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिये उन्होंने फिल्म शहीद के लिये “वतन की राह में वतन के नौजवान शहीद हों” गीत की रचना की। देशभक्ति के जज्बे से परिपूर्ण फिल्म शहीद का यह गीत आज भी श्रोताओं की आंखों को नम कर देता है। फिल्म इंडस्ट्री में ऊंचे मुकाम में पहुंचने के बावजूद राजा मेहदी अली खान को किसी बात का घमंड नहीं था। उन्होंने कभी इस बात की परवाह नहीं की कि वह नये संगीतकार के साथ काम कर रहे हैं या फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज संगीतकार के साथ। उन्होंने वर्ष 1950 में प्रदर्शित फिल्म मदहोश के जरिये अपने संगीत करियर की शुरुआत करने वाले मदन मोहन के साथ भी काम करना स्वीकार कर लिया।
फिल्म मदहोश के बाद मदन मोहन राजा मेहदी अली खान के चहेते संगीतकार बन गये। इसके बाद जब कभी राजा मेहदी अली खान को अपने गीतों के लिये संगीत की जरूरत होती थी तो वह मदन मोहन को ही काम करने का मौका दिया करते थे। बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजा मेहदी अली खान ने कई कविताएं और कहानियां भी लिखीं जो नियमित रूप से बीसवी सदी, खिलौना, शमा बानो जैसी पत्रिकाओं में छपा करती थी।
अपने गीतों से लगभग चार दशक तक श्रोताओं को भावविभोर करने वाले महान गीतकार राजा मेहदी अली खान 29 जुलाई 1996 को इस दुनिया से रूखसत हो गये।