नयी दिल्ली ,22 दिसंबर (वार्ता) केंद्रीय मत्स्य सचिव राजीव रंजन ने मछली उद्योग को उभरता हुआ क्षेत्र बताते हुए कहा है कि इसमें देश में सभी कृषि क्षेत्रों में सबसे अधिक मुनाफा होने के साथ-साथ ‘नीली क्रांति’ करने तथा वर्ष 2025 तक किसानों की आय दोगुनी करने तक की क्षमता है।
श्री रंजन ने मत्स्य विभाग के तत्वावधान एवं संवाद समिति यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया के सहयोग से आयोजित ‘क्रीटीकैलिटी ऑफ ट्रांसफॉर्मिंग फिशरीज इंडस्ट्री-अशरिंग इन डिजीटाइजेशन टू सपोर्ट पीएमएमएसवाई’ विषय पर आयोजित ई कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर यूएनआई के चेयरमैन विश्वास त्रिपाठी और एडीटर इन चीफ अशोक उपाध्याय भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा, “दलवई समिति ने किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक उपायों की सिफारिश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) योजना के तहत किसानों और मछुआरों दोनों के लिए विकास की एक बड़ी गुंजाइश है। भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास को नया रूप देने और उसमें तेजी लाने की योजना बनाई गयी है।”
खाद्य, रोजगार और समृद्धि प्रदान करने में जलीय कृषि क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, सचिव ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए,पीएमएमएसवाई ने तकनीकी हस्तक्षेप, बेहतर बाजार पहुंच और औद्योगिक और सेवा को विकसित करने के लिए आवश्यक कदमों को रेखांकित किया है। समुद्री उद्यमिता के माध्यम से कृषि क्षेत्र में स्व-रोजगार / रोजगार के संदर्भ में अपनी उपज और अन्य आवश्यकताओं के विपणन तथा प्रसंस्करण के संदर्भ में विभिन्न किसान गतिविधियों का समर्थन करना आसान होगा। उन्होंने कहा,“समुद्री उद्यमिता से मछुआरों को सुरक्षा, स्थिरता और उत्पादकता में लाभ होगा।”
संजय जितेन्द्र
जारी.वार्ता