नयी दिल्ली 03 फरवरी (वार्ता) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने पोस्ट-डॉक्टोरल और डॉक्टोरल के छात्रों के लंबित अध्येतावृत्ति बकाया (एरियर) का उचित और कुशल वितरण सुनिश्चित शनिवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार को ज्ञापन सौंपा और उन्हें विश्वविद्यालयों में छात्रों की समस्याओं से अवगत कराया।
परिषद ने यूजीसी के माध्यम से अध्येतावृत्ति दावा और वितरण की पूरी प्रक्रिया को सुगम तथा त्वरित बनाने की भी मांग की है।
उल्लेखनीय है की पिछले वर्ष यूजीसी ने कनिष्ठ अनुसंधान फैलोशिप (जेआरएफ) तथा वरिष्ठ अनुसंधान फैलोशिप (एसआरएफ) और पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप की राशि में बढ़ोतरी की थी, जो पिछले वर्ष जनवरी 2023 से प्रभावी है। इस बढ़ोतरी का बकाया (एरियर) के भुगतान संबंध में दिशा-निर्देश यूजीसी द्वारा इस वर्ष 18 जनवरी में जारी किया गया था, जिसको पूर्ण करने की अंतिम तिथि आठ फरवरी तक ही है। मौजूदा समय में प्रतिमाह फेलोशिप दावा करने हेतु छात्रों को प्रतिमाह एक से आठ तारीख का ही समय मिलता है, जबकि इससे पहले एक से 15 तारीख तक का समय मिलता था। विश्वविद्यालयों में दावा हेतु प्रक्रिया कई चरणों में होने के कारण छात्रों को पूरी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए अधिक समय लगता है। बकाया राशि का दावा करने के लिए 08 फरवरी की निर्धारित समय सीमा को पूरा करने में छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों और सीमाओं की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसको ध्यान में रखते हुए ही अभाविप ने संबंधित बकाया हेतु छात्रों को अधिक समय देने हेतु मांग की है।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि छात्रवृत्ति फेलोशिप प्रबंधन पोर्टल को विश्वविद्यालय स्तर पर खुले रखने की समय-सीमा बढ़ाई जाए, जिससे छात्रों को आवेदन के लिए अधिक समय मिल सके। विश्वविद्यालयों को भी छात्रों की शोधवृत्ति के आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अभाविप छात्र समुदाय के सर्वोत्तम हित में लंबित फेलोशिप के सुगम एवं कुशल वितरण की माँग करती है।
संतोष, उप्रेती
वार्ता