बरेली, 11 दिसम्बर(वार्ता)उत्तर प्रदेश में बरेली के आंवला क्षेत्र में ग्राम प्रधान से फर्जी मादक पर्दाथ दिखाकर सात लाख रूपये वसूली के आरोप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
पुलिस अधीक्षक देहात डां0 संसार सिंह ने बताया कि सोमवार को ढकिया के प्रधान छत्रपाल ने ग्रामीणों के साथ अलीगंज थाने पहुंच कर घेराव किया था। उनका आरोप था कि आठ दिसंबर को वह अपनी ननिहाल बिशारतगंज के गांव मिलक बहादुरगंज से वापस आ रहे थे। भीकमपुर गांव के पास दारोगा नितिन शर्मा और मुकेश कुमार ने सिपाही देवेंद्र कुमार, धनंजय व एक होमगार्ड से उनकी कार रुकवाई। कार में मादक पदार्थ होने की बात कही और तलाशी लेने लगे। जब कार में कुछ नहीं मिला तो सभी पुलिस कर्मी कार समेत उन्हें ऐंठपुर के जंगल में ले गए। वहां कार में दारोगा नितिन ने मादक पदार्थ रखकर वीडियो बनाया। फिर उसे थाना अलीगंज ले गए।
प्रधान छत्रपाल ने बताया कि उसे थाने में झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का डर दिखाया। सात लाख रुपये लेने के बाद उसे छोड़ा गया। छत्रपाल ने मामले की तहरीर एसपी देहात को दी थी। इस मामले की जांच क्षेत्राधिकारी आंवला को सौपी गयी थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडेय ने बताया कि आवला तहसील के ढकिया गांव के प्रधान छत्रपाल से सात लाख रूपये की वसूली करने के आरोप में दारोगा नितिन शर्मा, मुकेश कुमार, सिपाही देवेंद्र, धनंजय व एक होमगार्ड के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पूर्व में की गयी शिकायत की जांच में रुपये वसूलने के आरोप प्रथम दृष्टया सही मिले है। जांच जारी रहेगी। सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
सं भंडारी
वार्ता