भोपाल, 07 जनवरी (वार्ता) केंद्र सरकार की ओर से आज सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को सरकारी नौकरियों तथा उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले में 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस दिशा में हर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
श्री सिंह ने आज यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि इस दिशा में जो भी आवश्यक होगा, वह किया जाएगा।
संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक बुलवाई गई थी। बैठक में हुये फैसलों के बारे में अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है, लेकिन विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इसमें सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया गया है। साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले में भी उन्हें 10 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए अधिकतम आठ लाख रुपये सालाना की पारिवारिक आय की सीमा तय की गयी है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को आरक्षण देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करना होगा। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद के मौजूदा सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को पेश किया जा सकता है।
अभी सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को कुल करीब 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। उच्चतम न्यायालय ने आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी तय की हुई है।
गरिमा
वार्ता