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गंभीर मामलों की विवेचना में ढिलाई बरतने वाले विवेचकों पर होगी कार्रवाई: गोयल

गंभीर मामलों की विवेचना में ढिलाई बरतने वाले विवेचकों पर होगी कार्रवाई: गोयल

लखनऊ,07 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल ने गंभीर मामलों की विवेचना का विधि संगत निस्तारण सुनिश्चित करने के संबंध में दिशा निर्देश दिए और कहा कि गंभीर प्रवृति के प्रकरणो में जांच में देरी करने वाले विवेचकों पर कार्रवाई की जाय।

पुलिस प्रवक्ता ने गुरुवार शाम यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्री गोयल ने सभी जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुरनगर, वाराणसी, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं जिला पुलिस प्रभारी अधीक्षकों को विवेचनाओं के सम्बन्ध में पूर्व में मुख्यालय स्तर से जारी निर्देशों का अनुपालन कराते हुये विवेचना के गुणवत्तापूर्ण, समयबद्ध, विधिसंगत निस्तारण एवं थाना स्तर पर व्यवहरित किये जा रहे अभिलेखों के रख-रखाव की अद्यावधिक स्थिति तथा थाना प्रभारियों एवं उपनिरीक्षकों के कार्यों का निकटता से पर्यवेक्षण किये जाने के सम्बन्ध में नियमित अन्तराल पर समीक्षा किये जाने के लिए दिशा-निर्देश निर्गत किये गये ।

उन्होंने बताया कि डीजीपी द्वारा जारी निर्देशों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक जिले में यह सुनिश्चित करें कि विवेचको द्वारा विवेचनाओं का निस्तारण निर्धारित समयावधि में हों, अनावश्यक रूप से देरी न की जाये। जिले

के अधिकारी थानों के भ्रमण के दौरान लम्बित विवेचनाओं की समीक्षा करें और थाने के कार्यालय भवन, बैरक तथा अवासीय भवनो आदि की साफ सफाई एवं अभिलेखों का रख रखाव आदि का निरीक्षण करें। उसके बाद थाने पर नियुक्त कर्मचारियों का सम्मेलन कर उनकी बीट बुक का भी निरीक्षण करें।

डीजीपी ने कहा कि सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक के साथ अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी नियमित अन्तराल पर थानों की लम्बित विवेचनाओं की समीक्षा करें एवं लम्बित विवेचनाओं की गुणवत्तापूर्ण समयबद्ध निस्तारण कराये जाने के लिए प्रभावी प्रयास किया जाय। उन्होंने कहा कि गम्भीर प्रकृति के अपराधों के विवेचनाओं की समीक्षा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा गहराई से की जाये तथा अनावश्यक रूप से लम्बित विवेचनाओं के सम्बन्ध में दोषी विवेचकों के विरूद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।

थानों पर लम्बित विवेचना/जॉचों की समीक्षा (आदेश कक्ष) करने वाले अधिकारियों द्वारा विवेचना की स्थिति, जाँच रजिस्टर आदि का अवलोकन किया जाये तथा पूर्व में थाना प्रभारी/उपनिरीक्षक को दिये गये निर्देशों पर कार्रवाई की जाये। थानों पर लम्बित विवेचना/जॉचों की समीक्षा (आदेश कक्ष) के दौरान थाना प्रभारियों/ उपिनरीक्षकों द्वारा की जा रही विवेचनाओं में वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी, अज्ञात प्रकरणों का अनावरण, घटनास्थल का निरीक्षण एवं घटनास्थल से वैज्ञानिक साक्ष्यों का संकलन, लूट/चोरी गयी सम्पत्ति की बरामदगी, वारण्टों का तामीला एवं शिकायती प्रार्थना पत्रों की जाँच आदि की निकटता से समीक्षा की जाये।

अपर पुलिस महानिदेशक, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/उप महानिरीक्षक जिलो के भ्रमण के दौरान यह सुनिश्चित करें कि मुख्यालय स्तर से निर्गत निर्देश का कडाई से अनुपालन किया जा रहा है।

त्यागी

वार्ता

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