नयी दिल्ली, 17 जून (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने लोकतंत्र में विपक्ष की सक्रिय भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए सोमवार को कहा कि विपक्ष को सदन में अपने संख्या बल की चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि सरकार के लिए उसका हर शब्द और भावना मूल्यवान है।
श्री मोदी ने 17वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन संसद भवन परिसर में मीडिया के समक्ष अपने वक्तव्य यह बात कही। उन्होेंने सभी सदस्यों से सदन में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष की भावना के बजाय निष्पक्ष भाव से जन कल्याण के लिए काम करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि अगले पांच साल के दौरान सदन की गरिमा को ऊपर उठाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होेंने विपक्ष की महत्ता स्वीकार करते हुए कहा, “लोकतंत्र में विपक्ष का होना, विपक्ष का सक्रिय होना, विपक्ष का सामर्थ्यवान होना यह लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त है और मैं आशा करता हूं कि प्रतिपक्ष के लोग नंबर की चिंता छोड़ दें। देश की जनता ने जो उनको नंबर दिया है, वो दिया है, लेकिन हमारे लिए उनका हर शब्द मूल्यवान है, उनकी हर भावना मूल्यवान है।”
सदन में सार्थक बहस की उम्मीद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सदन में जब हम उस कुर्सी पर बैठते हैं, सांसद के रूप में बैठते हैं, तब पक्ष-विपक्ष से ज्यादा निष्पक्ष की भावना बहुत महत्व रखती है और मुझे विश्वास है कि पक्ष और विपक्ष के दायरे में बंटने की बजाय निष्पक्ष भाव से जनकल्याण को प्राथमिकता देते हुए हम आने वाले पांच साल के लिए इस सदन की गरिमा को ऊपर उठाने में प्रयास करेंगे।” उन्होेंने भरोसा जताया कि लोकसभा का कार्यकाल पहले की तुलना में अधिक परिणामकारी होगा और जनहित के कामों में अधिक ऊर्जा, अधिक गति और अधिक सामूहिक चिंतन के भाव का अवसर मिलेगा।
सत्या उनियाल
जारी वार्ता