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कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त साधन मुहैया कराये जायेंगे-शर्मा

कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त साधन मुहैया कराये जायेंगे-शर्मा

जयपुर, 28 मार्च (वार्ता) राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने कहा है कि राज्य में कोरोना की रोकथाम और नियंत्राण के लिए मुख्यमंत्री ने पर्याप्त संख्या में वेंटीलेटर्स, आईसीयू बैड्स की उपलब्धता बढ़ाने और रैपिड टेस्टिंग किट्स की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

डा़ शर्मा ने आज कहा कोरोना महामारी से निपटने के उपायों के संबंध में चिकित्सा विभाग को सलाह देने के लिए सात विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाहकार समिति बनाई गई है, जो हालात के अनुरूप सरकार को विशेषज्ञ सलाह देगी। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के पीड़ितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को सात विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेसिंग करके उनके सुझाव लिए। कमेटी में डाॅ. वीरेन्द्र सिंह, डाॅ. एमएल गुप्ता, डाॅ. पीआर गुप्ता, डाॅ. अशोक अग्रवाल, डाॅ. एसडी गुप्ता, डाॅ. राजाबाबू पंवार और डाॅ. सुधीर भंडारी शामिल हैं।

डा़ शर्मा ने कहा कि कोरोना की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सलाहकार समिति समय-समय पर अपने शोध और फीडबैक से सरकार को वाकिफ कराती रहेगी। उनके सुझावों के अनुसार चिकित्सकीय सुविधाओं, उपकरण की खरीद आदि पर फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनसंख्या को देखते हुए प्रति 10 हजार लोगों पर दो वेंटिलेटर और दो आईसीयू बिस्तरों की जरूरत होगी। इसके अनुसार पूरे राज्य में 14 हजार आईसीयू बिस्तर और करीब 10 हजार वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने बताया कि श्री गहलोत ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया को इनकी खरीद बिना किसी टेंडर के तुरंत करने के निर्देश दिए हैं। शुरुआती दौर पर जितने हो सकें उतने वेंटिलेटर्स का अधिग्रहण किया जाए।

डाॅ. शर्मा ने कहा कि आधुनिक तकनीक वाले ऐसे वेंटिलेटर भी बाजार में हैं, जिनसे 3-4 मरीजों को एक साथ जोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार की एनबीसी कंपनी से ऐसे वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की बात चल रही है। वे परीक्षण में सही पाये गये तो ऐसे वेंटिलेटर्स को खरीदा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वेंटिलेटर लेने के निर्देश दिए हैं और उनकी खरीद की कार्रवाई भी शुरू हो गई है।

डा़ शर्मा ने बताया कि जयपुर के एसएमएस अस्पताल में 300 से 400 कोरोना सैम्पलों की जांच हो रही है जो 1300 से 1500 प्रतिदिन की जा सकती है। यहां तीन माइक्रोबायोलाॅजी की टीमें लगी हुई है। इसके अलावा महात्मा गांधी हाॅस्पीटल में भी 500 जांचें की जा सकती हैं और इसे 1000 तक बढ़ाया जा सकता है।

सुनील

वार्ता

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