खेलPosted at: Sep 20 2020 10:20PM बिहार क्रिकेटरों पर बीसीसीआई से बातचीत करने के लिए आदित्य वर्मा अधिकृत
पटना, 20 सितम्बर (वार्ता) क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) की रविवार को यहां हुई विशेष आमसभा बैठक में सचिव आदित्य वर्मा को बिहार क्रिकेटरों के संबंध में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से बातचीत करने के लिए अधिकृत कर दिया गया। बैठक में सीएबी के 38 जिलों के क्रिकेट संघ के पदाधिकारी एवं आजीवन सदस्य शामिल हुए। बैठक के बाद सीएबी ने जारी बयान में बताया कि कोविड जैसी महामारी के कारण बिहार के जूनियर और सीनियर पुरुष एवं महिला क्रिकेट खिलाड़ी जो विभिन्न क्रिकेट प्रतियोगिताओं में बिहार की ओर से खेले थे, उनका टीए, डीए और मैच फीस का भुगतान वर्तमान बिहार क्रिकेट संघ ने नहीं किया है जो कोरोना से उपजे हालात को देखते हुए बहुत ही निंदनीय है। सीएबी ने कहा कि बिहार क्रिकेट संघ के आपसी विवाद के कारण बैक ऑफ इंडिया की सचिवालय शाखा ने इनके खाते को बंद कर दिया है। बैठक में फैसला किया गया कि बीसीसीआई से बिहार के इन खिलाड़ियों के भुगतान के लिए आग्रह किया जायेगा। इसके लिए सचिव आदित्य वर्मा को अधिकृत किया गया है।सीएबी ने कहा कि तत्कालीन बीसीसीआई के सीओए विनोद राय ने सुप्रीम कोर्ट के नौ अगस्त 2018 के आदेश की अवहेलना करते हुए अवैध तरीके से बीसीए की मान्यता बहाल कर बीसीसीआई की ओर से 10.80 करोड़ रूपये का अनुदान बिहार क्रिकेट के विकास के लिए दे दिया था। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि विनोद राय को यह भली भांति जानकारी थी कि बीसीए का निबंधन रद्द है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा था कि उसके द्वारा प्रमाणित बीसीसीआई के संविधान के तहत सभी राज्य क्रिकेट संघ को अपना-अपना संविधान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत कंम्प्लायंस करना जरूरी होगा अन्यथा बीसीसीआई से उन्हें मान्यता तथा किसी प्रकार का अनुदान नहीं दिया जायेगा। बैठक में आदित्य वर्मा को अधिकृत कर दिया गया कि विधि सलाहकारों से सलाह लेकर अविलंब वर्तमान बीसीसीआई को सारी बातों से अवगत कराकर जल्द से जल्द बिहार क्रिकेट के मसले को सुलझाया जाए अन्यथा सीएबी बीसीसीआई की इस अवमानना को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दायर करेगा।आमसभा में यह चर्चा की गयी कि शशांक मनोहर के आईसीसी चेयरमैन पद से त्यागपत्र देने के बाद बीसीसीआई पूर्व आईसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन को बीसीसीआई की ओर से आईसीसी में भेजने के लिए पहल करे।बैठक में यह भी कहा गया कि बिहार क्रिकेट के वर्तमान विवाद को देखते हुए बीसीसीआई अविलंब या तो सीएबी को अधिकृत करे या एक एडहॉक कमेटी बनाकर बिहार क्रिकेट संचालन करे।
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