राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jun 11 2019 1:20PM अडानी को खदान उत्खनन के लिए देने का आदिवासियों का विरोध जारी
रायपुर/दंतेवाडा 11 जून(वार्ता) छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला में लौह अयस्क की डिपाजिट 13 को उत्खनन के लिए अडानी को दिए जाने के विरोध में आदिवासियों का विरोध लगातार आज पांचवे दिन भी जारी है।इसके चलते राष्ट्रीय खनिज विकास निगम(एनएमडीसी) की खदानों में काम प्रभावित हुआ है।
आदिवासी संयुक्त पंचायत संघर्ष समिति के बैनर तले हजारो आदिवासी एनएमडीसी के कार्यालय के सामने डटे है।आदिवासी डिपाजिट 13 नंदराज पहाड़ी को अडानी को उत्खनन के लिए देने का यह कहते हुए विरोध कर रहे है कि इन पहाड़ियों पर उनके ईष्टदेव विराजमान है।लगभग 200 गांवों के आदिवासी अपने परम्परागत हथियारों एवं वाद्य यंत्रों के साथ डेरा जमाए हुए है,और चेक पोस्ट को घेरकर वहीं पर नाच गाने कर रहे है।
एनएमडीसी के प्रवेश द्वार पर आदिवासियों को डेरा जमाने से एनएमडीसी की 14 एवं 11 बी खदानों में उत्पादन लगभग ठप हो गया है।एनएमडीसी सूत्रों के अनुसार उत्पादन ठप होने से लगभग आठ करोड का प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है।इस आन्दोलन को एनएमडीसी की ट्रेड यूनियने भी समर्थन दे रही है। डिपाजिट 13 में उत्खनन को शुरू करने के लिए 25 हजार पेड़ों को काटा जाना है जिसका भी आदिवासी विरोध कर रहे है।
इस आन्दोलन को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है।सबसे ज्यादा मुखर विरोध पूर्व मुख्यमंत्री एवं जनता कांग्रेस सुप्रीमों अजीत जोगी ने किया है।श्री जोगी मौके पर भी जाकर आन्दोलन को समर्थन भी दे चुके है और उन्होने आरोप लगाया है कि राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने नदंराज पहाड़ी को डिपाजिट 13 में बदलने के लिए अडानी को लेटर आफ इंडेट के जरिए लीज पर देने की मंशा जाहिर की थी लेकिन राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने अडानी को चार माह में खनन शुरू करने पर सहमति दे दी।उऩ्होने अडानी के पक्ष में भूपेश सरकार के होने का आरोप लगाते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र भी लिखा है।
साहू
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