नयी दिल्ली 26 अक्टूबर (वार्ता) राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम लिमिटेड (एनआईसीडीसी) के तहत विकसित किये जाने वाले नये स्मार्ट शहरों में बनाये जाने वाले प्रशासनिक भवनों को पारिस्थितिकी की दृष्टि से स्वस्थ और प्रकृति से जुड़ाव वाला रखने तथा उनका डिजाइन ऊर्जा-दक्ष रखने पर पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।
यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी।
इस परियोजनाओं का विकास वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की प्रशासनिक निगरानी के तहत किया जा रहा है। मंत्रिमंडल ने ऐसे 12 समार्ट औद्योगिक शहरों के विकास के प्रस्ताव को अनुमति दी है, जो विविध प्रकार की परिवहन प्रणालियों से अच्छी तरह जुड़े होंगे।
विज्ञप्ति के अनुसार डीपीआईआईटी ने पर्यावरण नियोजन एवं प्रौद्योगिकी केंद्र (सीईपीटी) विश्वविद्यालय के सलाहकार फाउंडेशन (सीएएफ) के साथ मिलकर इन प्रस्तावित स्मार्ट शहरों के प्रशासनिक भवनों के निर्माण को परिस्थितिकी की दृष्टि से स्वस्थ एवं ऊर्जा बचत करने वाला बनाने के विषय में एक कार्यशाला आयोजित किया। अहमदाबाद में गुरुवार को सीईपीटी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित यह अपने प्रकार की पहली कार्यशाला थी।
सीईपीटी एडवाइजरी फाउंडेशन (सीएएफ) एक सेक्शन 8 (गैर-लाभकारी) कंपनी है, जो सलाहकार परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करती है, जिसका गठन नवंबर 2023 में किया गया है।
एनआईसीडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) रजत कुमार सैनी (आईएएस) ने भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को पूरा करने के लिये जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से टिकाऊ व्यवस्था वाले शहरों को विकसित करने में सीईपीटी विश्वविद्यालय और सीएएफ के साथ सहयोग करने के बारे में एनआईसीडीसी के दृष्टिकोण को सामने रखा।
सीएएफ के निदेशक दर्शन पारिख ने प्रस्तािवत औद्योगिक शहरों के प्रशासनिक भवनों को लेकर एनआईसीडीसी की परिकल्पना को साकार करने में सहयोग करने के लिये प्रतिबद्ध है।
सीएएफ शहरी नियोजन, परिवहन, बुनियादी ढांचे और जल आपूर्ति और स्वच्छता सहित नौ विषयगत केंद्रों में सेवायें प्रदान करता है। इसके पोर्टफोलियो में 200 से अधिक परियोजनायें शामिल हैं, जिनमें विकास और रणनीतिक योजनाओं से लेकर व्यवहार्यता अध्ययन और विकास नियंत्रण विनियमन शामिल हैं।
उप्रेती. मनोहर.श्रवण
वार्ता