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कोटा में केईडीएल कम्पनी के स्टे की पैरवी महाधिवक्ता करेंगे-धारीवाल

कोटा में केईडीएल कम्पनी के स्टे की पैरवी महाधिवक्ता करेंगे-धारीवाल

जयपुर, 19 मार्च (वार्ता) राजस्थान के स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने आज विधानसभा में आश्वस्त किया कि नगर निगम कोटा में केईडीएल कम्पनी द्वारा गलत बिल बनाये जाने एवं सरकारी एवं जनता के धन को हड़पने के मामले में स्टे को हटाने के लिए पैरवी महाधिवक्ता से कराई जायेगी।

श्री धारीवाल विधायक संयम लोढा द्वारा शून्यकाल में नगर निगम कोटा द्वारा कथित रूप से छल पूर्वक तथ्यों को छुपाते हुए केईडीएल द्वारा गलत बिल बनाने, राजकीय व जनता के धन को हड़पने एवं आपराधिक कृत्य के लिए दर्ज एफ.आई.आर पर कार्यवाही किये जाने के संबंध में लाये गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर गृहमंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रकरण में अगली तारीख आगामी दो अप्रैल नियत है।

उन्होंने बताया कि गलत वीसीआर भरने के संबंध में बिजली कम्पनियों को पहले भी लिखा जा चुका है। बिजली कम्पनियों ने इसकी जांच के लिए टीम को मौके पर भेजा लेकिन टीम की अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। उन्होंने बताया कि यह सही है कि इस प्रकरण पर जो स्टे लगा हुआ है, उसको 12-13 महीने हो गये, लेकिन अभी स्टे वैकेट नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि अब इसके लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता की बजाय महाधिवक्ता को पैरवी करने के लिए कहा है।

उन्होंने बताया कि अब तक इसमें जो तफ्तीश पूरी की गई है और चालान तैयार कर लिया गया है लेकिन कोर्ट के आदेश के अनुसार इसे अभी पेश नहीं किया है। जिन लोगों के साथ गलत वीसीआर भरी है और जिन्हे लूटा गया है, वह एक नहीं है बल्कि हजारों की संख्या में है, लेकिन इसमें काम बिजली कम्पनी को ही करना है। उन्होंने बताया कि हमने इस संबंध में निर्देश बिजली कम्पनी को दे भी दिये। कम्पनी ने इस संबंध में वहां टीम भी भेजी लेकिन टीम ने रिपोर्ट नहीं दी। इस कारण ही नगर निगम को किशोरपुरा थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज करानी पड़ी है।

श्री धारीवाल ने बताया कि कोटा में विद्युत वितरण एवं संचालन की व्यवस्था वर्ष 2016-17 से के.ई.डी.एल. कम्पनी द्वारा की जा रही है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 16 जनवरी को अधीक्षण अभियंता नगर निगम कोटा ने थाना किशोरपुरा कोटा पर के.ई.डी.एल. कम्पनी के विरूद्ध एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी थी। उन्होंने बताया कि के.ई.डी.एल. द्वारा संविदा की शर्तों के उल्लंघन में जानबूझ कर कपटपूर्ण नीति से गलत एवं छद्म विद्युत प्रभार को परिगणित करते हुये वास्तविक उपभोग से अधिक विद्युत प्रभार का बिल बनाया गया एवं अरबन सेस मद में आम-जन की राशि को दोषपूर्ण रुप से प्राप्त करने का प्रयास किया गया।

उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से उच्च न्यायालय में अविलम्ब सुनवाई के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता द्वारा अपील दायर की गयी है। जैसे ही न्यायालय से के.ई.डी.एल. के विरूद्ध स्टे हटेगा, पुलिस द्वारा अविलम्ब के.ई.डी.एल. के विरूद्ध चालान पेश कर दिया जायेगा और केईडीएल के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी।

जोरा

वार्ता

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