राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 21 2021 10:47PM आतंकियों के पैरोकारों न करें कानून-व्यवस्था की बातें : सिद्धार्थनाथ
लखनऊ, 21 अक्टूबर (वार्ता) आगरा की घटना को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट पर पलटवार करते हुये उत्तर प्रदेश के कबीना मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि जो पार्टी आतंकियों की पैरोकार और माफियाओं एवं अपराधियों की सरपरस्त रही हो, अराजकता जिसके शासनकाल की पहचान रही हो उसे कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं है।
श्री सिंह ने गुरुवार को कहा कि योगी सरकार को आगरा प्रकरण के लिये अखिलेश के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। कल कुशीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ दिन पहले महराजगंज में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह योगी राज के कानून-व्यवस्था की तारीफ कर चुके है। अपराधियों और माफियाओं पर कड़ी करवाई के नाते योगी की जनता में एक पहचान ‘बुलडोजर बाबा’ के रूप में भी हुई है। जनता बुलडोजर बाबा की जयकार कर रही है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश को शायद याद नहीं पर जनता को ठीक से याद है कि उनकी सरकार ने खुल कर निर्दोषों का खून बहाने वाले आतंकवादियों की मदद की थी। 2013 में उनकी सरकार में 7 जिलों में खूंखार आतंकियों पर दर्ज 14 मामलों मुकदमें वापस हुए थे। यही नहीं, मार्च 2006 को वाराणसी के संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए सीरियल ब्लास्ट में शामिल खूंखार आतंकियों की पैरवी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट की टिप्पणी थी कि क्या कल इन आरोपियों को सरकार पद्मभूषण से भी नवाजेगी।
हाईकोर्ट ने कहा था कि यह कौन तय करेगा कि आतंकवादी कौन है। जब मामला न्यायालय में है तो अदालत को ही तय करने दीजिये। सरकार कैसे तय कर सकती है कि आतंकी कौन है। सपा सरकार में ही डीजीपी सिविल डिफेंस के पद पर तैनात बृजलाल, पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह और 42 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। वजह सिर्फ इतनी थी कि उस वक्त एक आतंकी खालिद मुजाहिद को फैजाबाद कचहरी में ले जाते वक्त लू लग गई थी लिहाजा बाराबंकी आते आते वो मर गया था। यह है सपा का असली चरित्र।
गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगरा की घटना को लेकर ट्विीट किया था जहां अपने ऊपर लगे मुक़दमे हटवा लेनेवाली सरकार है। जहां आईपीएस फ़रार है। जहां किसानों की हत्याओं में लिप्त माननीयों का परिवार है। जनता पूछ रही है वहां कैसे क़ानून का राज है।
प्रदीप
वार्ता