पन्ना, 30 दिसम्बर (वार्ता) अब तक सिर्फ बाघों की दहाड़ के लिए पहचाना जाने वाला मध्यप्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व अब प्रवासी पंछियों के दीदार के इच्छुक लोगों के लिए भी जन्नत साबित हो रहा है। लगभग 543 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले इस खूबसूरत जंगल तथा बीचों-बीच बहने वाली केन नदी में तीन सौ से भी अधिक प्रजातियों के रंग-बिरंगे पक्षी देखने को मिल रहे हैं। पक्षियों पर शोध करने वाले विश्व स्तर के कई पक्षी विशेषज्ञ इन दिनों यहां डेरा डाले हुए हैं। पन्ना में अभी तक पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बाघ हुआ करता था। पार्क भ्रमण के दौरान पर्यटकों को यदि बाघ देखने को नहीं मिलता, तो वे निराश होकर लौटते थे। इसे देखते हुए पार्क प्रबंधन ने अब यहां पंछियों को देखने आने के इच्छुक लोगों की ओर भी ध्यान केंद्रित किया है। पार्क सूत्रों के मुताबिक पन्ना टाइगर रिजर्व में इस समय किंग वल्चर, क्रिस्टल सप्रेन्ट ईगल, पेरेग्रीन पेल्कन, पैराडाईज फ्लाईकेचर, सारस क्रेन, बूटेल ईगल, रेड ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर जैसे अनेकों पक्षी दिखाई दे रहे हैं। यहां जंगल व पानी दोनों जगह पक्षी दिखते हैं। हालांकि पर्यटकों का मानना है कि पन्ना टाईगर रिजर्व घूमने आने वाले पर्यावरण प्रेमियों को पक्षियों के बारे में सही जानकारी देने वालों की यहां कमी है। पन्ना टाइगर रिजर्व में प्रदेश का राज्य पक्षी दूधराज (इंडियन फ्लाईकैचर) भी खूब नजर आता है। शानदार कलगी वाला ये पक्षी देशी व विदेशी सभी पर्यटकों को खूब लुभाता है। सं. गरिमा 12.32 वार्ता