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कोयला श्रमिकों के वेतन लाभ में न्यूनतम 19 फीसदी वृद्धि की सिफारिश पर सहमति

कोयला श्रमिकों के वेतन लाभ में न्यूनतम 19 फीसदी वृद्धि की सिफारिश पर सहमति

नयी दिल्ली, 04 जनवरी (वार्ता) कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और चार केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के बीच वेतन वार्ता में गतिरोध दूर हो गया है और कंपनी ने उनके साथ न्यूनतम गारंटीकृत लाभ की सिफारिश वाले एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे कोल इंडिया और सिंगरेनी कोलियरीज के 2.8 लाख से अधिक कर्मचारियों को वेतन में न्यूनतम 19 प्रतिशत का लाभ होगा

कोयला मंत्रालय की बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) और सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) के साथ यह समझौता मंगलवार को कोलकाता में सीआईएल के कार्यालय में हुआ। इसमें गैर कार्यकारी कर्मचारियों को वेतन-भत्ते और बोनस में 19 प्रतिशत न्यूनतम गारंटीकृत लाभ (एमबीजी) की सिफारिश की गई है।

बयान में कहा गया है कि तीन जनवरी को कोलकाता में सीआईएल के कॉर्पोरेट मुख्यालय में आयोजित कोयला उद्योग- के लिए संयुक्त द्विदलीय समिति की आठवीं बैठक में यह सिफारिश की गई थी।

एनसीडब्ल्यूए के ग्यारहवें संस्करण के लिए एक औपचारिक समझौता, जो 01 जुलाई 2021 से पांच साल की अवधि के लिए प्रभावी होगा, उसको एमजीबी के अलावा अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।

इससे कंपनी में अधिकारी श्रेणी से इतर के सीआईएल के 2.38 लाख और सिंगरेनी कोलियरीज के 44,000 कर्मचारियों को फायदा होगा जो कोयला श्रमिकों की मजूदूरी के बारे में वर्तमान 11वें समझौते एनसीडब्ल्यूए के तहत आते हैं।

विज्ञप्ति के अनुसार न्यूनतम 19 प्रतिशत लाभ की गणना 30 जून 2021 की परिलब्धियों के आधार पर की जाएगी। इसमें मूल वेतन, परिवर्तनीय महंगाई भत्ता, विशेष महंगाई भत्ता और उपस्थिति बोनस शामिल हैं। इस समझौते पर तेलंगाना स्थित सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) ने भी हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन के लिए अन्य हस्ताक्षरकर्ता है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस करार से दोनों सरकारी स्वामित्ववाली कंपनियों के करीब कुल 2.82 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।

मनोहर, उप्रेती

वार्ता

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