IndiaPosted at: Jun 28 2017 9:35PM एयर इंडिया में विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी
नयी दिल्ली 28 जून (वार्ता) सरकार ने वित्तीय संकट से जूझ रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया की सेहत सुधारने के लिए इसमें विनिवेश को हरी झंडी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एयर इंडिया और इसकी पाँच सहयोगी कंपनियों में विनिवेश के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं को बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयर इंडिया में विनिवेश का प्रस्ताव दिया था, जिसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गयी है। साथ ही मंत्रालय ने विनिवेश प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री की अध्यक्षता में ‘एयर इंडिया-स्पेसिफिक ऑल्टरनेटिव मकेनिज्म’ नाम से एक विशेष समूह बनाने का भी प्रस्ताव दिया था। उसे भी मंजूर कर लिया गया है। एयरलाइंस तथा सहयोगी कंपनियों में कितना विनिवेश करना है यह समूह तय करेगा। इसके अलावा वह तीन मुनाफा कमाने वाली सहयोगी इकाइयों को एयर इंडिया से अलग करने या उनमें रणनीतिक विनिवेश पर भी विचार करेगा। एयर इंडिया के ऋण का क्या करना है इस पर भी वह विचार करेगा। श्री जेटली ने कहा, “कितना विनिवेश होगा, किस प्रक्रिया से होगा और किन परिसंपत्तियों का विनिवेश किया जायेगा, इस संबंध में समूह ही निर्णय लेगा।” समूह में नागरिक उड्डयन मंत्री तथा अन्य मंत्री भी शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से एयर इंडिया के विनिवेश की बात चल रही थी। वित्त मंत्री और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा पिछले कुछ दिनों में कई बार कह चुके हैं कि सरकार एयर इंडिया के विनिवेश के पक्ष में है। नीति आयोग ने भी एयर इंडिया के निजीकरण की सिफारिश की थी। एयर इंडिया का कुल घाटा इस समय 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है तथा उस पर लगभग 55 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। देश में एयर इंडिया के पास 140 विमानों का सबसे बड़ा बेड़ा है। यह करीब 41 अंतरराष्ट्रीय और 72 घरेलू मार्गों पर अपनी सेवाएं देती है। देश से अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर सेवाएं देने वाली यह सबसे बड़ी विमानन कंपनी है। अजीत सुरेश वार्ता