प्रयागराज, 31 दिसम्बर (वार्ता) साधु संतो की जानी|-मानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने भगवा बयान पर मंगलवार को एतराज करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को नसीहत दी।
श्री गिरी ने कहा कि श्रीमती वाड्रा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कटाक्ष के लिए “भगवा” शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उन्हें धर्म और आस्था के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए ,उसके बाद ही कोई बयान जारी करना चाहिए। इस प्रकार का बयान निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि किसी को भी ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना जिससे लोगों की आस्था और भावनाएं आहत हों।
उन्होंने कहा कि श्री योगी एक सन्यासी हैं और वह ईमानदारी से लोक कल्याण के नीहित कार्य कर रहे हैं। पूरा संत समाज अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि श्री योगी देश के सबसे बड़े भू-भाग की बागड़ोर कुशलता पूर्वक संभाले हुए हैं।
नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ प्रदेश सरकार बदला लेने की कार्रवाई पर महंत ने कहा कि देश की संपत्ति को क्षतिग्रसत करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। श्री योगी किसी भी उपद्रवी से बदले
की भावना से कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। श्री गिरी ने देश की संपति को क्षति पहुंचाने वालों के साथ कड़ाई से पेश आने का पुरजोर समर्थन किया।
गौरतलब है कि प्रियंका वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बदला वाले बयान को लेकर उन पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने योगी के कपड़े पहने हैं मगर उन्हें उसका मतलब नहीं पता। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने योगी के वस्त्र धारण किए हैं, भगवा धारण किया है, मगर ये भगवा आपका नहीं है। ये भगवा हिन्दुस्तान की धार्मिक,
आध्यात्मिक परंपरा का है। हिंदू धर्म का चिह्न है। उस धर्म को धारण करिए,उस धर्म में रंज, हिंसा और बदले की भावना की कोई जगह नहीं है।”
दिनेश त्यागी
वार्ता